सोलन। , भाजपा प्रदेश सचिव एवं पूर्व महिला आयोग के अध्यक्ष डीजे ठाकुर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर परिषद परमाणु परिषद में जिस प्रकार से कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्तियां की जा रही हैं, उनकी वर्तमान सरकार की ओर से बड़ा सवाल उठाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस ईमानदार सहयोगी ने इस पद का प्रचार किया था, उसने अपनी कंपनी का कीमती सामान बेच दिया था और अब कार्यकारी अधिकारी इग्लिकक्यूटिवा ऑफिसियल का साइंटिस्ट कसौली के कार्यालय को छोड़ दिया गया है। लगातार जनता ने सरकार से कैथलीन की टीम अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर पा रही है, दूसरी ओर कसौली का मठ भी देखा है क्योंकि उसी के साथ नगर परिषद परमाणु का मठ भी देखा है। इससे वह दोनों लेखकों का काम समय पर नहीं कर पा रहे थे, जिससे जनता को काफी निराशा का सामना करना पड़ा। शायद कुछ समय के लिए सरकार ने सद्बुद्धि आई और उन्होंने बात की थी कि एसिक टॉक ने अपने पद पर कब्ज़ा कर लिया था, लेकिन हेरानी की बात है कि जब एसिक टॉक ने अपना पद संभाला था, तो उस भाषण में अपने आरोपों को वापस लेते हुए लेक रिचुअल कसौली पर ही आरोप लगा दिया गया था। अब प्रश्न यह है कि मस्जिद कसौली को बार-बार चार्ज देने के पीछे सरकार की मंशा क्या है? क्या सरकार को ईमानदार एवं निष्ठावान अधिकारी महान नहीं माना गया? इससे सरकार को क्या लाभ हो रहा है? कैसिनो कसौली की ओर से व्यक्तिगत विशेष लाभ पद का प्रयास क्या हो रहा है? उन्होंने कहा कि सरकार को इन सभी का अनोखा जवाब देना होगा क्योंकि इस प्रकार के नियुक्तियों से जनता के कार्य प्रभावित होते हैं। सरकार ने निर्णय लेने के लिए जनता को सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है, सरकार ने हमेशा परमाणु के साथ सहमति जताई है और इस बात का बार-बार प्रमाण मिलता है कि जनता के साथ सहमति स्वयं बनी हुई है।
