शिमला। हिमाचल प्रदेश पवन ऊर्जा भी तैयार करना चाहती है। हिमाचल प्रदेश में आने वाले समय में पवन ऊर्जा तैयार की जाएगी। पवन ऊर्जा का पहला प्रोजेक्ट सिरमौर जिले के हरिपुरधार में हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन प्लांटगा, जिसके लिए सरकार ने कंसल्टेंट मीटिंग को मंजूरी दे दी है। इसी तरह की दूसरी टेलीकॉम को लेकर आने वाले दिनों में भी काम किया जाएगा, जिसके लिए सर्वे करना बताया गया है। प्रदेश की पहली पवन ऊर्जा परियोजना को लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने खुलासा किया है। विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पेश किया। उनके अभिभाषण में विद्युत क्षेत्र से जुड़ी अधिसूचना का ज़िक्र किया गया, जिसमें गवर्नर ने बताया कि यहां सरकार हाइड्रो पावर, सौर ऊर्जा के बाद पवन ऊर्जा को भी हाथ में ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हरित राज्य दृष्टिकोण अपनाते हुए 2066 करोड़ का हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम आयोजित किया है। पावर कार्पोरेशन के 500 मिलियन सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट यहां विकसित किए गए हैं। एक साल में 37 ताकतवर ताकत ऑपरेशन शुरू किया गया है, जिसमें पेखुबेला में 32 ताकत और भंजल में पांच ताकत क्षमता परियोजना तैयार की गई है। राज्यपाल ने कहा कि ऊहल तीन परियोजनाओं को चालू कर दिया गया है। परियोजना की इकाइयों पर कार्रवाई की गई है और अभी तक 70 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है। इस प्रोजेक्ट से एक साल में 40 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इसके साथ ही वर्तमान ऑर्केस्ट्रा को लेकर वर्ष गवर्नर ने बताया कि पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन ने वित्त के दौरान 170 करोड़ की लागत से सिरमौर के काला अंब में 220/132/33 केवी सब स्टेशन और जिला ऑर्केस्ट्रा में 220/66 केवी हीलिंग सब-स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा किया है। एग्लोर सौर ऊर्जा परियोजना 10 खंड अंतिम चरण में है। 23 मशीनरी क्षमताओं के लिए संविदाएं शीघ्र आबंटित की हैं। नालागढ़ के दभोटा में एक कंपनी के ग्रीन स्ट्रेंथ प्लांट की स्थापना का काम शुरू हो गया है। चालू वित्त वर्ष में दिसंबर महीने तक 40 पावर एबिलिटी का कुल पांच प्रोजेक्ट में उत्पादन शुरू हो चुका है। इनमें थुचेनिंग, लूनी, सेल्टी मसरंग, कुवारसी और रुद्र का काम पूरा हो गया है।
