शिमला। विधान सभा सत्र के दूसरे दिन राज्य विधान सभा की बैठक सचिवालय में मुख्यमंत्री सुख अध्याप्ति सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई, जिसमें राज्य की नई विधान सभा की बैठक को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट मंत्री ने तय किया है कि लगातार तीसरे साल की नीलामी में कम टेकर्स की फिल्म ही शराब टेकों का आबंटन के जरिए होगी। राज्य सरकार ने अगले साल 2850 करोड़ का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा है। बीपीएल चयन के लिए बीपीएल ने सालाना आधार पर आय सीमा 50000 रुपये कर दी है। होने वाले ने डिस्ट्रिक्ट आर्किटेक्चर फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से एक साथ वाले माइनिंग फंड का इस्तेमाल माइनिंग स्टूडियो, लॉ अरेंजमेंट, विधवा और अनाथ बच्चों के प्रोजेक्ट, शिक्षा और आर्किटेक्चर डिवेलपमेंट पर खर्च करने की मात्रा में किया है, जिसका एबंटन डिस्ट्रिक्ट अपने स्तर पर कर फंड बनाता है। कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशालय के बीच, पैरा मेडिकल, मिनिस्ट्रीयल स्टाफ का बायफर्केशन किया है। हालांकि उनके लिए सीनियोरिटी कंबाइंड ही रहेगी। कैबिनेट ने सोलन जिले के दिग्गल में पुरास्थल स्वास्थ्य केंद्र के रूप में नारा लगाने की मंजूरी दे दी। नई भर्तियों को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए म्यूजिक एप्लीकेशन की आयु सीमा 45 साल से बढ़कर 47 साल कर दी गई। पहले अप्लाई कर अधिक युवा भी ओवर एज नहीं मानेंगे। यह व्यवस्था राज्य चयन आयोग की भर्तियों के लिए है। मूर्ति ने जूनियर मार्केट आईटी की भर्ती के लिए नई व्यवस्था की अनुमति दी है। इसके अंतर्गत सभी विभाग इस कैडर में भर्ती के लिए कार्मिक विभाग को अपनी जांच भेजेंगे और कार्मिक विभाग को ही आगे राज्य चयन आयोग को भेजा जाएगा। पटवारी कानूनगो की हड़ताल को देखते हुए नैना ने मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य भूमिका निभाई। इस बारे में विधानसभा में भी मुख्यमंत्री ने सफाई दी थी, लेकिन कैबिनेट ने आधिकारिक डिसीजन ले लिया। मूर्ति ने एल.सी.सी. की बस खरीद को भी मंजूरी दे दी। इसके तहत 297 इलेक्ट्रिक खरीदने की खरीद होगी और 24 वॉल्वो भी अलग से ली जाएगी। नैना ने तेलंगाना सरकार की ऊर्जा कंपनियों को हिमाचल में दो बिजली परियोजना का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत अब एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। इसके अलावा हिमाचल सरकार वॉटर सेस की जगह अब बिजली निगम पर भी लैंड रिवेन्यू एक्ट के तहत काम कर रही है। प्रतिपक्ष लेकर राजस्व विभाग की ओर से एक ड्राफ्ट कैबिनेट में चर्चा के लिए लाया गया था। राजस्व विभाग ने इस ड्राफ्ट को दिल्ली की एक निजी एजेंसी से जोड़ा है, लेकिन राज्य के विधि विभाग ने इस पर बहुत सारी साज़िशें लिखी हैं। आज भी कैबिनेट में हुई चर्चा के दौरान लॉ डिपार्टमेंट ने इस पर कुछ बिंदुओं पर चर्चा की। इस मसौदे पर पहली बार चर्चा में निर्णय नहीं मिला। बजट सत्र के दौरान ही इस बारे में एक बिल पेश किया गया है।
