अखिल भारतीय काउंसिल काउंसिल हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री नैन्सी अटल ने बयान जारी कर जानकारी दी है कि आज अखिल भारतीय काउंसिल काउंसिल हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधि मंडल हिमाचल प्रदेश के गवर्नर शिव प्रताप शुक्ला जी ग्रोइंग नशे के खिलाफ डायरेक्टोरेट बोर्ड । उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाये. नैंसी अटल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ सामाजिक, सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों के सर्वेक्षणों के अनुसार प्रदेश में औसत 35-36% नशे का वोग हो गया है! ये आँकड़े सर्वे से जुड़े हुए हैं सैंडविच में से निकल कर आये हैं! हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के 2020 के मध्य में कुल 27 नशा मुक्ति औषधि में शामिल (कोविड-19 के दौरान)सर्वेक्षक के अनुसार 15-40 वर्ष की आयु सीमा में चित्त की लता के लगभग 39% रोगी; चरस भांग के 22.64%। शराब के 21.36% मरीज मिले! एकी मित्र, कैथोलिक बामा, जिनमें से अधिकांश पेन किलर्स और अन्य ऐतिहासिक औषधियों के मिथकों से संबंध बनाए रखने वाले पाए गए थे! उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे की लत से मुक्ति दिलाने के लिए अत्यंत गरीब छात्र परिषद प्रदेश भर में नशा मुक्ति अभियान चला रही है। इस अभियान के निमित्त इकाई स्तर पर छात्र परिषद, डीसी, एसपी, सुपरमार्केट, मुख्यमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी और गवर्नर जी को सीधे तौर पर तीन स्थानों पर रखा गया है। इसी संदर्भ में काउंसिल के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला जी को “अभिव्यक्ति” अभियान के तहत निर्देशित किया। नशाखोरी के प्रमुख लक्ष्यों में युवाओं में बेरोजगारी, कौशल आधारित शिक्षा का अभाव, प्रशिक्षण पीड़ित युवा एवं व्यावसायिक शिक्षा की गुणवत्ता में कमी हो रही है। जिसके लिए सरकार और प्रशासन को ध्यान देना चाहिए और ठोस कदम उठाना चाहिए। छात्रों और युवाओं का देश का भविष्य नहीं बल्कि देश का वर्तमान भी है। यदि देश का वर्तमान ही नशा माफिया के धोखेबाज़ में अपना भविष्य बना देता है तो देश का भविष्य भी सुरक्षित नहीं होगा। अभाव, नशा माफिया के पूरे गठजोड़ पर करारी चोट करते हुए जेल में बंद कठोरतम कार्रवाई की मांग है ताकि देश का वर्तमान और भविष्य दोनों सुरक्षित रहें।
