नई दिल्ली। आधार कार्ड के साथ वोटर आईडी जोडऩे को लेकर मंगलवार को चुनाव आयोग ने यूआईडीएआई के सीईओ, केंद्रीय गृह सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इसमें तय किया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हुए बिना किस तरह से देशभर में वोटर कार्ड के एपिक नंबर को आधार से कनेक्ट किया जा सकता है। इसके लिए एक्सपर्ट के बीच तकनीकी परामर्श लेने की बात हुई, जिसके लिए जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। चुनाव आयोग ने बताया कि टेक्निकल एडवाइस के बाद ही पता लग सकेगा कि वोटर कार्ड नंबर को आधार के साथ कैसे कनेक्ट किया जा सकता है। आयोग की तरफ से मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्तों डा. सुखबीर सिंह संधू और डा. विवेक जोशी के साथ मंगलवार को निर्वाचन सदन में यह अहम बैठक हुई। इसमें केंद्रीय गृह सचिव, सचिव विधायी विभाग और यूआईडीएआई के सीईओ के अलावा आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए।आयोग ने बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है। आयोग ने कहा कि आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि वोटर कार्ड नंबर को आधार से जोडऩा केवल संविधान के अनुच्छेद 326, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार और डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार किया जाएगा।
