दिल्ली/ मंगलूरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलोकतांत्रिक कहने वाले अमरीकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से जुड़े एनजीओ पर रेड हुई है। बंगलुरु स्थित जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन, ओपन सोरोस फाउंडेशन और एमनेस्टी इंटरनेशनल के दफ्तरों पर ईडी ने छापा मारा। एजेंसी ने एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच के पूर्व-वर्तमान कर्मचारियों के घरों की भी तलाशी ली। ईडी की कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन को लेकर हुई। छापे को लेकर ईडी की तरफ से फिलहाल आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दिसंबर 2020 में ही भारत में अपनी एक्टिविटी बंद कर दी थी। संस्था के बैंक खाते अवैध विदेशी फंडिंग के आरोप के चलते फ्रीज भी किए गए थे। एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच पर ओपन सोरोस फाउंडेशन से फंडिंग मिलने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई इनके खिलाफ चार्जशीट फाइल कर चुकी है।अब ईडी इसकी जांच कर रही है। बता दें कि जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। जॉर्ज पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप है। सोरोस की संस्था ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ ने 1999 में पहली बार भारत में एंट्री की। 2014 में इसने भारत में दवा, न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने और विकलांग लोगों को मदद करने वाली संस्थाओं को फंड देना शुरू किया। 2016 में भारत सरकार ने देश में इस संस्था के जरिए होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी। अगस्त 2023 में जॉर्ज का म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में दिया बयान बेहद चर्चा में रहा। जब उन्होंने कहा था कि भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं।
