कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में नशे का जादू बढ़ गया है। इसी कड़ी में क्रिएटिन डिस्ट्रिक्ट से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां बजौरा के एक युवा को साधु ने मंदिर की चमत्कारी विभूति के नाम पर नशा बेच दिया। इतने ही नहीं साधु ने बदले में युवाओं से लिए तीन हजार रुपये। साधु ने युवाओं को सलाह दी कि जब भी वो किसी भी कठिन परिस्थिति में हो या फिर मानसिक तनावग्रस्त हो तो वो इस चमत्कारी विभूति के कुछ दानों का सेवन करे। ऐसा करने से उसे राहत मिलेगी। वहीं, जब युवाओं को पता चला कि ये विभूति नशा है तो उन्होंने तुरंत पुलिस शिकायत में केस दर्ज करा दिया। युवक ने बताया कि बजौरा पुल के गड़सा रोड पर उसे दो साधु मिले थे। जिसमें एक ने अपना हाथ देखा और क्रिस्टोफर के रूढ़िवादियों ने कहा कि उनका ग्रह ठीक नहीं है। जीवन में बहुत परेशानी, तनाव और कुछ बुरी घटनाएं हो सकती हैं। ऐसे में साधु ने उसे पाने के लिए तनाव दिया और एक विभूति लेने की सलाह दी। युवक ने बताया कि वो साधु की बातें बता रहा है और उसने वो विभूति साधु से 3 हजार रुपए खरीद लिए। इतने ही नहीं साधुओं ने उनसे 100-100 रुपये दक्षिणा भी ली। युवक ने बताया कि दो महीने तक इस दो ग्राम की नशे की पुड़िया को अपनी जेब में डंबल लेकर घूमता रहा। उसने यह पुड़िया अपने जेब में पर्स में रखी हुई थी। उसे जब भी थकान या तनाव होता था- वो साधु की सलाह के अनुसार यह चख देता था। युवाओं ने बताया कि इसका स्वाद कुछ कड़वा और नमक जैसा अजीब था। इतना ही नहीं इसे चखने के बाद उसे कुछ अजीब सा महसूस हुआ और सिर चकराने लगा, नींद आ गई। इस विभूति को देखने के बाद उसे कुछ पता नहीं चला और वो बेसुध रह गया। ऐसे में एक दिन उसने इस पुड़िया के बार में अपने दोस्त को बताया। दोस्त ने उसे बताया कि ये कोई विभूति नहीं है- ये खतरनाक नशा है। युवाओं को भरोसा नहीं हुआ, उनकी स्टैटिस्टिक्स जमीन खिसक गई। उन्होंने और उनके दोस्तों ने नशे के आदि लोगों को विभूति की पहचान के लिए साधु की विभूति दिखाई तो उन्होंने बताया कि यह विभूति एमडीएमए नशा नहीं है। युवक ने बताया कि नशेड़ी इस पुड़िया को उनसे आग्रह करने लगे। युवक ने बताया कि उसने पुड़िया को आग में तोड़फोड़ कर दिया। युवाओं ने पुलिस से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले की पुष्टि करते हुए एएसपी निरंजन संजीव चौहान ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी अंजान की बातें ना बताएं। कई लोग नशा मुक्ति के लिए नए-नए प्रयोग का प्रयोग कर रहे हैं। कई बार साधु या देसी दवा की आड़ में ये लोग नशा करते हैं। इसलिए ऐसे किसी के चक्कर में नहीं आना चाहिए। इतनी ही बार नहीं ये जनजाति के लोगों के घरों में घुस जाते हैं और प्रसाद आदि के नाम पर नशा चखा कर एब्सो कर देते हैं। फिर घर में चोरी करके खुद की चोरी हो जाती है।
