शिमला।: हाल ही में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों के बीच लगातार तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस संदर्भ में शिमला पुलिस द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं पर की जा रही एकतरफा कार्रवाई के विरोध में आज विश्वविद्यालय के पिंक पेटल पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया।प्रदेश सह मंत्री दिशांत जरयाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शिमला पुलिस लगातार एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है, जबकि एसएफआई के असामाजिक तत्व विश्वविद्यालय में खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। दिशांत जरयाल ने बताया कि बीते एक महीने से एसएफआई के गुंडों द्वारा एबीवीपी की छात्रा कार्यकर्ताओं पर अभद्र टिप्पणियां की जा रही हैं और छात्राओं के साथ लगातार छेड़छाड़ जैसी घटनाएं सामने आई हैं।दिशांत जरयाल ने बताया कि एसएफआई का आचरण पूर्ण रूप से अराजकता फैलाने वाला है। एसएफआई के कार्यकर्ता खुले मंच से एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश मंत्री को जान से मारने तथा छात्राओं को धमकाने जैसी शर्मनाक हरकतें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं विश्वविद्यालय परिसर के शैक्षणिक वातावरण को दूषित कर रही हैं और छात्र-छात्राओं में भय का माहौल पैदा कर रही हैं।दिशांत जरयाल ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के छात्रवासों (Hostels) में बाहरी असामाजिक तत्वों की अवैध घुसपैठ (Illegal Entry) लगातार बढ़ रही है। इन असामाजिक तत्वों द्वारा छात्रवासों में रहने वाले छात्रों को परेशान किया जा रहा है, जिससे छात्रों की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने मांग की कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रवासों में हो रही इस अवैध घुसपैठ पर तुरंत संज्ञान ले और सख्त कदम उठाए ताकि छात्र सुरक्षित महसूस कर सकें।दिशांत जरयाल ने चेतावनी दी कि यदि शिमला पुलिस ने एसएफआई के इन असामाजिक तत्वों के विरुद्ध जल्द कठोर कार्रवाई नहीं की, छात्रावासों में हो रही अवैध घुसपैठ पर रोक नहीं लगाई गई और एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हो रही एकतरफा कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई गई, तो एबीवीपी प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होगी।उन्होंने प्रशासन से मांग की कि पुलिस किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव में आकर कार्यवाही न करे, बल्कि एसएफआई के गुंडों पर कार्रवाई करे ताकि विश्वविद्यालय परिसर में शांति और सौहार्द बना रह सके।
