April 27, 2025 10:59 pm

अमेरिका 5.30 लाख प्रवासियों को करेगा डिपोर्ट।

दिल्लीअमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा और विवादास्पद कदम उठाते हुए पांच लाख 30 हजार अप्रवासियों की अस्थायी कानूनी स्थिति को रद्द कर दिया है। इस फैसले से क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला जैसे देशों से आए लोगों पर सीधा असर पड़ेगा, जिन्हें बाइडेन सरकार के दौरान मानवीय आधार पर अस्थायी संरक्षण और वर्क परमिट दिए गए थे। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के मुताबिक लाखों नागरिकों का कानूनी दर्जा 24 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से बड़े पैमाने पर निर्वासन की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना बढ़ गई है, जिससे आप्रवासी समुदायों में चिंता और अनिश्चितता का माहौल है। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान अवैध आप्रवास को राष्ट्रीय आपातकाल बताते हुए सख्त नीतियों का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद उन्होंने तेजी से इस दिशा में कदम उठाए हैं।यह फैसला उन लोगों पर लागू होगा, जो अक्तूबर, 2022 के बाद अमरीका आए थे। ये सभी लोग ह्यूमैनिटेरियन पैरोल प्रोग्राम के तहत अमरीका आए थे। यह कानूनी तरीका लंबे समय से उन लोगों को अस्थायी रूप से अमरीका में रहने की इजाजत देता था, जिनके देशों में युद्ध या राजनीतिक अस्थिरता थी। इस ताजा फैसले के तहत, जिन आप्रवासियों को बाइडेन प्रशासन ने पैरोल प्रोग्राम के जरिए अस्थायी राहत दी थी, उनकी स्थिति को खत्म करने की योजना है। अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों को अब तेजी से निर्वासन प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें उन्हें बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के देश से बाहर किया जा सकता है। अमरीका के गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) के अनुसार, इन चार देशों के वे प्रवासी जो अक्तूबर 2022 के बाद वित्तीय प्रायोजकों (स्पॉन्सर्स) के माध्यम से अमरीका आए थे और जिन्हें दो साल की अस्थायी कानूनी अनुमति (पैरोल) मिली थी, उनकी यह स्थिति 24 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी या फिर संघीय रजिस्टर में इस फैसले के प्रकाशन के 30 दिन बाद प्रभावी होगी ।भारत सरकार ने अमरीका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी की है। सरकार ने कहा है कि छात्र अमरीकी कानूनों का पालन करें। दरअसल, अमरीकी सरकार विदेश नीति का विरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अगर किसी भारतीय छात्र को कोई परेशानी हो तो भारतीय दूतावास उनकी मदद और सुरक्षा को मौजूद है।

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