। प्रदेश के लाहुल स्पीति में मौजूद प्राचीन प्राचीन मकबरा अब घटने लगे हैं। जलवायु परिवर्तन का बड़ा प्रभाव इन ब्लॉगों पर लिखा है, जो चिंता की बात है। सरकार भी इस मामले को लेकर चिंतित है। इन दस्तावेजों में 2.4 फीसदी की गिरावट आंकी गई है, जो लगातार बढ़ती जा रही है। लाहुल-स्पीति में चंद्रा घाटी के मक्के में जहां इतनी गिरावट देखने को मिली है, वहीं मियाड और अन्य जलाशयों में भी इतनी कमी देखने को मिली है। इस जानकारी मामले में विधायक अनुराधा राणा के सवाल के जवाब में संतोष मुकेश ने कहा कि इसे लेकर केंद्र से बात की जाएगी। प्रदेश के इन जनजातीय क्षेत्रों और मैदानी क्षेत्रों के लिए एक विस्तृत परियोजना। हिमाचल प्रदेश विज्ञान, पर्यावरण एवं पर्यावरण परिषद के अंतर्गत राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र ने हिमाचल प्रदेश हिमालय क्षेत्र में ग्रहों के पीछे के उद्योगों पर महत्वपूर्ण अध्ययन किया है। इन दस्तावेजों के निष्कर्ष 2001 से 2007 के बीच इन दस्तावेजों के दस्तावेजों में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। इसके अलावा जल शक्ति विभाग द्वारा 1269.29 करोड़ रुपए की नकदी तैयार की गई है, जिसमें हिम संरक्षण के माध्यम से हिमाचल प्रदेश लाहुल और स्पीति जिलों में सींचल और जलाल तट में जलवायु क्षेत्र और पर्यटक सेवा वितरण की परिकल्पना की गई है। 21 फरवरी, 2023 को वुल्फ का पर्यावरण वित्त पोषण पोषण विवरण विज्ञान, एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और जलवायु परिवर्तन विभाग को जारी किया गया है। विधायक अनुराधा राणा का कहना था कि उठाऊ सींच योजना में होने वाली बिजली के उपयोग से यहां के किसानों का बिल काफी ज्यादा आ रहा है। इस पर मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि बिजली अनुदान की कोई योजना नहीं है।
