शिमला।आर्थिक संकट से जूझ रहे हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू मंत्रियों और विधायकों को राहत बख्शने के साथ झटका भी दिया है। सरकार ने मंत्रियों और विधायकों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 26 प्रतिशत तक की गई है। इससे मंत्रियों-विधायकों की सैलरी में 25 से 30 हजार का इजाफा होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को इसके लिए सदन में संशोधित बिल पेश किया। उधर, दूसरी तरफ झटका देते हुए मंत्रियों-विधायकों के टेलिफोन भत्ते के साथ बिजली और पानी के भत्ते खत्म कर दिए हैं। यानी कि विधायकों को 20 हजार रुपए का झटका भी दिया है। यही नहीं, सरकार ने पूर्व विधायकों का टेलिफोन भत्ता भी खत्म किया गया है।सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब भविष्य में विधायकों का वेतन प्राइस इंडेक्स के अनुसार बढ़ाया जाएगा। नए संशोधित बिल के अनुसार अब विधायकों को 3 लाख रुपए मासिक सैलरी-भत्ते मिलेंगे। वर्तमान में यह आंकड़ा 2.10 लाख रुपए प्रति महीना है। विधायकों की बेसिक सेलरी अभी 55 हजार रुपए है, जो अब 70 हजार रुपए हो जाएगी। इस संशोधन के बाद माननीय विधायकों की सैलरी हर पांच साल बाद प्राइस इंडेक्स के हिसाब से बढ़ेगी। जानकारी के अनुसार हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन राज्य सरकार के मंत्रियों विधानसभा के विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के वेतन भत्ते और पेंशन बढ़ाने को लेकर तीन अलग-अलग बिल रखे गए। इन्हें काफी लंबी चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। इस चर्चा में अलग-अलग विधायकों ने वेतन बढ़ाने की जरूरत को लेकर अपनी अपनी बात रखी।कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने मिलकर वेतन बढ़ाने के बिलों को पारित कर दिया। पारित करने से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में विधायकों को 2.10 लाख रुपए हर महीने मिलते हैं, लेकिन यदि इन पर लागू हुए बिजली और पानी के बिल तथा इनकम टैक्स को देखने तो इन्हें 1.60 लाख ही मिल रहे हैं। इसलिए विधायकों की जरूरत को देखते हुए इनके वेतन में करीब 26 फीसदी की वृद्धि की जा रही है। लेकिन इस संशोधन में हमने तीन धाराओं में संशोधन करते हुए विधायकों के लिए 20000 प्रतिमाह टेलीफोन भत्ता और बिजली पानी का बिल की सुविधा खत्म कर दी है। पूर्व विधायकों के लिए भी टेलीफोन की बिल की सुविधा खत्म हो गई है। अब विधायकों को सिर्फ ऑफिस और कांस्टीट्यूएंसी अलाउंस ही मिलेगा।
