April 24, 2025 9:44 pm

पचास नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण।

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को 68 लाख के समर्थक 50 पिक्सल ने सामूहिक आत्मसमर्प कर माओवादी संगठन को झटका दिया है। इंटरनैशनल समर्पण ने बीजापुर पुलिस कप्तान डॉ. बिश्नोई यादव के बारे में बताया गया। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में रॉकेट के सरेंडर करने से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है। दान करने वालों में कई प्रतिष्ठित पुतले शामिल थे। आत्मसमर्पित स्टारकास्ट पर कुल 68 लाख रुपये का योगदान था। उन्होंने सिपहसालार, शूटर और सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के सामने अपने हथियार मैकेनिकल मैनेजमेंट में आम सहमति का फैसला किया। प्रशासन ने इसे दलितवाद के खात्मे की दिशा में एक अहम कदम बताया है। इस पर राज्य के प्रतीकात्मक शर्मा विजय ने कहा कि यह समर्पण सरकार की प्रभावी नीति और निजीकरण की कार्यकारी नीति का परिणाम है। हम प्रभावित क्षेत्र में शांति और विकास के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। समर्पण करने वाले सभी प्रमुख राष्ट्रों को सरकार की अंतिम नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। मित्र है कि छत्तीसगढ़ में दिन भी पुलिस और सुरक्षा का नाम रखा जा रहा है। सुरक्षा बलों के टुकड़ों ने अलग-अलग जगहों पर 11 महिलाओं सहित 18 गिरोहों को ढेर कर दिया, जबकि 15 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। एक ओर सुकमा जिले में केरलापाल के गोरगुंडा शिलाखंडों में सुरक्षा बल की 17 सेनाओं के बीच बनी सुरक्षा बल की एक जवान सहित चार जवान घायल हो गए। दांते वे जिले में आज 15 माओवादियों ने पुलिस की ज़ब्ती की सफ़ाई कर दी। वहीं, बीजापुर में एक अधिकारी-पुलिस अधिकारी को सम्मानित किया गया। दंतेवाड़ा जिले में 987 माओवादियों ने पुलिस के साथ मिलकर आत्मसर्पण किया है। यहां बीजापुर जिले के बासागुड़ा थाना क्षेत्र के टेकमेटा नरसापुर के जंगल में पुलिस और राष्ट्रमंडल के एक पदाधिकारी की हत्या कर दी गई। फैक्ट्री से एक हथियार व विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया। इस बीच समुद्री सीमा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने बताया कि वर्ष 2025 में समुद्री सीमा के नीचे समुद्री तट माओवादियों द्वारा विरोधी संचालित के परिणाम स्वरूप 87 दिनों में 117 हार्डकोर स्मारक मारे गए। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिले में एक 50 रिकॉर्ड्स के साथ सोलर कोडिंग दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का नया समर्पण एवं संख्या नीति- 2025 के सकारात्मक परिणाम अब धरातल पर स्पष्ट दिखने लगे हैं। सीएम साय ने कहा कि बौद्ध धर्म के कुचक्र में बंद लोग अब बंदूक ठीक कर समाज के मठ में लौट रहे हैं, यह परिवर्तन स्वागतयोग्य है। हमारी सरकार हर उस व्यक्ति के लिए तत्पर है, जो लाल आतंक छोड़कर शांति का रास्ता चुनता है। सीएम ने यह भी कहा कि यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय एवं गृह मंत्री अमित शाह की 2026 तक उग्रवाद के मूल सिद्धांत के संकल्प का ही परिणाम है।सीएम साय ने कहा कि नियाद नेल्ला नार योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में द्वीपों का निर्माण, जंगलों और जंगलों की स्थापना से सरकार के प्रति विश्वास और आशा की लौ जगाई है। उन्होंने कहा कि यह केवल समर्पण नहीं है, यह प्रतिष्ठा की वापसी है। जो काल भय के प्रतीक थे, वे आज भविष्य की आशाएँ बन रहे हैं। छत्तीसगढ़ अब शांति, विकास और नवचेतना के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के संकल्प मार्च 2026 तक उग्रवाद का खात्मा तय है। इसके तहत डबल इंजन की सरकार में प्रदेश में अब तक 2200 से ज्यादा रिकॉर्ड्स की फिल्में हुई हैं और डिस्चार्ज हो चुकी हैं, साथ ही अब तक 350 से ज्यादा रिकॉर्ड्स की कंपनियां शहीद हो चुकी हैं। साय ने कहा, ”बस्तर जिला के सुदूरवर्ती इलाकों में हमारी सरकार द्वारा लगातार नए सुरक्षा शिविर स्थापित करने, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से जनता की सरकार के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है।

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