शिमला | हिमाचल के एजुकेशन सेक्टर, खासकर कालेज कैडर में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। वर्तमान में हिमाचल में 136 डिग्री कालेज हैं। इनकी व्यवस्था को बदला जा रहा है और रोजगार परक कोर्सों को बढ़ावा दिया जाएगा। इन बदलावों को लेकर कैबिनेट ने विभाग को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इस ड्राफ्ट को फाइनल किया जा रहा है। नई बात यह है कि दो तरह के बदलाव मुख्य तौर पर होंगे। कम एडमिशन वाले डिग्री कालेज को मर्ज करने पर फैसला मुख्यमंत्री के स्तर पर होना है, जबकि दूसरी ओर डिग्री कालेजों को स्पेशल कालेजों में बदला जाएगा। अभी 14 डिग्री कालेज स्पेशल कालेज में बदले जा रहे हैं। इनमें कांगड़ा जिला का डिग्री कालेज हरिपुर गुलेर, शिमला जिला का चायल कोटी, रोहड़ू का सीमा कालेज, मनाली का हरिपुर कालेज, ऊना का कोटला खुर्द कालेज, मंडी का जोगिंदरनगर कालेज, कांगड़ा का खुंडियां कालेज, हमीरपुर का नादौन कालेज, नालागढ़, सरकाघाट, मटौर, धनेटा, पनारसा और शिमला जिला का सरस्वती नगर कालेज शामिल हैं। इनमें से सात डिग्री कालेज में इंटीग्रेटेड बीएड शुरू की जाएगी। इसका प्रावधान नई शिक्षा नीति में भी है। तीन डिग्री कालेज को फिजिकल एजुकेशन कालेज के तौर पर चेंज किया जाएगा, जबकि अन्य कालेज प्रोफेशनल कालेज होंगे।इनमें बीए, बीएससी के अलावा बीसीए, बीबीए, एमसीए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कम्प्यूटिंग, मशीन लर्निंग जैसे कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिनकी निजी क्षेत्र में भी डिमांड है। इनमें पनारसा, धनेटा और मटौर डिग्री कालेज शामिल हैं। कांगड़ा जिला के हरिपुर गुलेर डिग्री कालेज को फाइन आर्ट कालेज बनाया जाएगा। यहां बाकी कोर्स नहीं होंगे। जहां तक काम एडमिशन वाले कालेजों को मर्ज करने की बात है, तो पिछली कैबिनेट में हुए फैसले के अनुसार इस बारे में फैसला फाइल पर मुख्यमंत्री से लिया जाना है। वहीं तय होगा कि 75 एडमिशन वाले कालेज मर्ज किए जाएंगे या इससे कम छात्र संख्या की शर्त लगेगी। वर्तमान में राज्य में पांच नए कालेज नॉन फंक्शनल हैं, जबकि 16 डिग्री कालेजों में एडमिशन 100 से कम है। यह सारे बदलाव होने के बाद कालेज कैडर टीचर्स का युक्तिकरण होना है। इसी युक्तिकरण के साथ ऐसे सब्जेक्ट में पदों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जिनकी रोजगार के लिहाज से निजी और सरकारी क्षेत्र में डिमांड है। इस युक्तिकरण में ऐसे कोर्स कालेज से हटा दिए जाएंगे, जो डिमांड में नहीं हैं और जिन में एडमिशन पिछले कुछ सालों से नहीं हो रही।
