शिमला।हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक और विवाद सामने आया है। बुधवार को दो महिलाओं ने कालीबाड़ी रोड पर रेहड़ी लगाकर चने बेचने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति पर थूककर सामान बेचने का आरोप लगाया है। अब देवभूमि संघर्ष समिति ने इसका विरोध करते हुए जिला प्रशासन को चेतावनी दी है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक पुलिस प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।आरोप लगाने वाली दोनों महिलाएं देवभूमि संघर्ष समिति की सदस्य हैं। उन्होंने थूककर चने बेचने का आरोप लगाते हुए विक्रेता से विवाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर लाइव किया। बाद में दोनों महिलाओं ने नगर निगम शिमला को चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने विक्रेता पर रोक नहीं लगाई तो हिंदू संगठनों के 500 लोग रेहड़ी लगाएंगे।दोनों महिलाओं में से एक कल्पना ने दावा किया कि विक्रेता न तो पुलिस की बात सुन रहा है, जबकि शिमला नगर निगम कोई कार्रवाई ही नहीं कर रहा है। हालांकि, देवभूमि संघर्ष समिति ने यह नहीं बताया कि इस मामले की पुलिस में कब कंप्लेन दर्ज किया गया था, या फिर शिमला नगर निगम में कोई विरोध दर्ज कराया गया था।देवभूमि संघर्ष समिति की दलील है कि शिमला नगर निगम हिंदू रेहड़ी वालों को सब्जियां बेचने की अनुमति नहीं देता, लेकिन अल्पसंख्यक विशेष के रेहड़ी वालों पर मेहरबान है। आपको बता दें कि कुछ ही दिन पहले शिमला के संजौली इलाके में एक रेहड़ी वाले का वीडियो वायरल हुआ था। संजौली में मस्जिद विवाद के बाद हिमाचल सरकार ने 6 माह स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने की बात कही थी। लेकिन इस संबंध में अभी तक नीति नहीं बनने के मुद्दे पर देव भूमि संघर्ष समिति ने सरकार को इसके लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
