शिमला। शिमला पुलिस ने संजौली के जोनांग टेकन फुत्सोक चोलिंग बौद्ध मठ से लापता हुए दो नाबालिग भिक्षुओं को सकुशल मिल गए हैं। ये दोनों भिक्षु दस अप्रैल को दोपहर के समय मठ से अचानक गायब हो गए थे। मठ प्रबंधन द्वारा दी गई गुमशुदगी की शिकायत के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए दोनों बच्चों को ढली चौक से ढूंढ निकाला और उन्हें सुरक्षित मठ प्रशासन के हवाले कर दिया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों बच्चों ने घूमने की योजना बनाई थी और मठ प्रबंधन को बिना बताए निकल पड़े। लेकिन रास्ता भटक जाने के कारण वे अपने मठ नहीं लौट सके। दोनों के पास मोबाइल फोन नहीं था जिससे वे किसी से संपर्क भी नहीं कर पाए। मठ के प्रबंधक पेमा फुंटसोक ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना ढली में दर्ज करवाई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया गया और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। मठ में रहने वाले अन्य भिक्षुओं और कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस को सफलता मिली और दोनों नाबालिगों को ढली चौक पर पाया गया।गौर हो कि लापता हुए दोनों बच्चे अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। इनमें एक की उम्र 12 वर्ष है और वह अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर जिले से है जबकि दूसरा 13 वर्षीय बालक पश्चिम बंगाल का निवासी है। दोनों मठ में बौद्ध परंपराओं का प्रशिक्षण ले रहे थे।पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार यह घटना 10 अप्रैल को दोपहर 12 से 2 बजे के बीच की है। मठ प्रशासन ने बताया कि घटना वाले दिन दोनों बच्चे सामान्य दिनचर्या में शामिल थे और किसी भी तरह की असामान्य गतिविधि नहीं देखी गई थी। जोनांग टेकन फुत्सोक चोलिंग मठ भारत में जोनांग परंपरा का इकलौता मठ है। इसकी स्थापना वर्ष 1963 में अमदो लामा जिनपा द्वारा की गई थी और पहले यह ‘सांगे चोलिंग’ नाम से जाना जाता था। यह मठ संजौली की एक पहाड़ी पर स्थित है और यहां वर्तमान में 100 से अधिक भिक्षु निवास करते हैं। यह तिब्बती बौद्ध परंपरा के अंतर्गत संचालित होता है और यहां भिक्षुओं को धार्मिक अध्ययन व साधना की शिक्षा दी जाती है। मठ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार भिक्षु ऊंची पहाड़ी पर रंग-बिरंगे प्रार्थना झंडे लगाते हैं जो तिब्बती संस्कृति में शांति और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। लापता हुए दोनों भिक्षु भी इसी परंपरा के प्रशिक्षण के तहत मठ में रह रहे थे। एएसपी शिमला रतन नेगी ने बताया कि दोनों नाबालिग बच्चों को बरामद कर मठ प्रबंधन के सुपुर्द कर दिया गया है। इनके लापता होने की शिकायत मिलने के 10 घण्टों के भीतर दोनों को ढली चौक में बरामद किया गया।
