शिमला।प्रदेश सरकार द्वारा संसाधन जुटाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच अब सरकार को विभिन्न सेस से भी इनकम शुरू हो जाएगी। इस कमाई को किस तरह से प्रदेश के विकास के कामों पर खर्च किया जाए, इसके लिए सरकार ने विशेष एसओपी बनाने को कहा है। सूत्रों के अनुसार इस मामले को लेकर रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी की बैठक में भी चर्चा हुई थी, जिसके बाद वित्त विभाग व योजना विभाग को एसओपी देने को कहा गया है। अब देखना होगा कि एसओपी में किस तरह की योजना सामने आएगी, क्योंकि उसके हिसाब से आएगा सेस की राशि को खर्च किया जाएगा। इस मामले को आने वाले दिनों में कैबिनेट के सामने भी रखा जाएगा। वित्त विभाग बताएगा कि किस सेस से कितनी इनकम होगी, और उस राशि को कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि सूत्रों की मानें, तो वित्त विभाग को यह अतिरिक्त काम दिया गया है, जिस पर वित्त विभाग के अधिकारियों ने कहा भी था कि संबंधित विभागों को इस पर अपनी योजना देनी चाहिए, मगर सरकार ने तय किया है कि वित्त विभाग जो एसओपी बनाकर देगा, उसके मुताबिक ही विभाग इस राशि को खर्च कर सकेंगे। यहां पर सरकार ने एन्वायरमेंट सेस लगाया गया है, जिसके लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में निर्णय लिया गया था। इसके साथ वहां पर मिनरल सेस को लेकर भी निर्णय हुआ था, जिस पर आदेश जारी कर अब इसे लागू कर दिया गया है।बिजली पर भी सेस का फैसला हो चुका है, जिसमें बड़े उद्योगपतियों से कुछ राशि वसूली की जानी है, वहीं इन तीनों सेस से सरकार को उम्मीद है कि 150 करोड़ तक की राशि सालाना जुटाई जा सकेगी। इस राशि के अलावा शराब पर भी सरकार पिछले साल से मिल्क सेस की वसूली कर रही है और इस मिल्क सेस से सरकार को 140 करोड़ रुपए की सालाना इनकम होने की उम्मीद है। लगभग इतना पैसा पिछले वित्त वर्ष में इससे जुटाया गया है। आने वाले दिनों में सेस से आने वाली राशि को इस्तेमाल करने के लिए योजना सामने आएगी। वित्त विभाग बताएगा कि इस पैसे को किस तरह से विकास के कार्यों पर खर्च किया जा सकता है।
