शिमला। एसएफआई राज्य कमेटी ने विश्वविद्यालय में कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए भीषण आतंकवादी हमले के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।इस धरना प्रदर्शन में बात रखते हुए एसएफआई राज्य सह सचिव उपेन्दर ने कहा कि एसएफआई राज्य कमेटी इस घटना की कड़ी निंदा करती है, जिसमें 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई। हम पीड़ितों के शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और जो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, उनके पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करती है।उन्होने बात रखते हुए कहा कि एसएफआई कश्मीरी छात्रों के खिलाफ हो रहे भेदभाव, धमकियों और उत्पीड़न की घटनाओं की भी कड़ी निंदा करती हैं। कश्मीरी छात्रों को ‘आतंकवादी’ कहकर निशाना बनाना और उनके हॉस्टल व आवासों से बेदखल करने की घटनाएं लोकतंत्र और देश की एकता के लिए खतरनाक हैं। इस समय कुछ समुदाय के द्वारा इस मुद्दे को सांप्रदायिकता का रूप देने की कोशिश की जा रही है। एसएफआई का मानना है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। हम सभी छात्रों से अपील करते हैं कि वे इस समय एकजुट रहें।इन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना होगा। आतंकवादियों का देश की सीमा के अंदर हथियारों के साथ आना और निर्दोषों की जान लेना कहीं न कहीं हमारे देश के रक्षा मंत्रालय पर भी सवाल खड़ा करता है। हम अपील करते हैं कि इस हमले पर रक्षा मंत्रालय द्वारा कड़े कदम उठाए जाएं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल की जाए। इस घटना के अपराधियों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। हम केंद्र सरकार से इस घटना के हर पहलू की गहन जांच करने की मांग करते है।एसएफ़आई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी इस दुख की घड़ी में भारत के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है। हम केंद्र सरकार से आतंकवाद से ग्रसित क्षेत्र में पर्यटकों और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई की भी मांग करते हैं।
