शिमला।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को जिला शिमला में निर्माणाधीन 27 किलोमीटर लंबे शोघी-ढली फोरलेन मार्ग के विभिन्न संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने भट्टाकुफर संजौली, ढली, लिंडीधार और आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं। स्थानीय निवासियों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा पहाडिय़ों के कटान की गतिविधियों को लेकर गहरी चिंता जताई, जिनके कारण क्षेत्र में भू-स्खलन जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। इससे लोगों की निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है तथा जान-माल पर खतरा बना है। चलौंठी निवासी संजय शर्मा ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि मैं पहले किराए पर मकान देता था, लेकिन अब खुद किराएदार बन गया हूं, क्योंकि मेरा भवन असुरक्षित हो गया है। लिंडीधार में एक अन्य निवासी ने कहा कि एनएचएआई अधिकारी हमारी बात नहीं सुनते। हमने अपनी संपत्तियों का भारी नुकसान झेला है और अब हमारे सिर पर हर समय खतरा मंडरा रहा है।उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप कर जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग की। लोगों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को तुरंत आवश्यक कदम उठाने और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। शिमला जिला प्रशासन ने फोरलेन मार्ग के संवेदनशील स्थलों की पहचान और समाधान के सुझाव देने के लिए अतिरिक्त जि़ला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसके अतिरिक्त भट्टाकुफर में भवन गिरने की घटना की जांच के लिए अतिरिक्त जि़ला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है।
मुख्यमंत्री ने शोघी-ढली फोरलेन मार्ग के विभिन्न संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण किया।

