ऊना, 29 अक्टूवर ।हिमाचल सरकार विधानसभा के अगले सत्र में संगठित अपराध के खिलाफ नया कानून लेकर आएगी। इसमें न केवल आरोपियों को सख्त सजा का प्रावधान होगा, बल्कि उनकी जब्त संपत्तियों पर भी अधिकार केंद्र के बजाय राज्य सरकार का होगा। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को यहां सर्किट हाउस में मीडिया से चर्चा करते हुए यह बात कही। अभी तक संगठित अपराध के मामले में आरोपियों की संपत्ति पर केंद्र सरकार का अधिकार होता है। नए कानून में इस पर हिमाचल सरकार का अधिकार होगा। प्रेस वार्ता में डिप्टी सीएम ने बीजेपी पर दनादन आरोपों के तीर छोड़े। उन्होंने जहां राज्य के क्रिप्टोकरंसी घोटाले को पिछली बीजेपी सरकार की कमजोर इच्छा शक्ति का परिणाम बताया, वहीं वॉटर सेस मामले पर केंद्र सरकार पर अड़ंगा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने केंद्र सरकार पर फिर हमला बोलते हुए राज्य को विशेष राहत पैकेज (Special Relief Package) जारी नहीं करने की बात कही।
क्रिप्टो घोटाला: पिछली सरकार ने एक्शन नहीं लिया
डिप्टी सीएम ने आरोप लगाया कि क्रिप्टो करेंसी का मामला पूर्व सरकार में धड़ल्ले से चलता रहा, लेकिन उस दौरान कार्रवाई करने के लिए कोई दिलचस्पी दिखाई ही नहीं गई। मुकेश ने कहा कि इस घोटाले में 2000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम इन्वॉल्व है। अभी तक इस मामले में 10 गिरफ्तारियां की जा चुकी है, अन्य आरोपियों को भी जल्द सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
वॉटर सेस: दबाव बना रही है केंद्र सरकार
डिप्टी सीएम ने कहा कि वाटर सैस पर केंद्र सरकार अड़ंगे डाल रही है। उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार पत्र लिखती है कि यह नही कर सकते, अब जबकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो केंद्र सरकार ने फिर एक पत्र निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि पहले वाटर सैस से 4 हजार करोड़ इनकम का प्रस्ताव था लेकिन पुनर्विचार के बाद 1842 करोड़ इन्कम होनी है। डिप्टी सीएम ने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सेस के पक्ष में फैसला दिया है। हिमाचल हाईकोर्ट में मामला चल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार पत्र लिखकर दबाब बनाना चाह रही है।