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नेपाल मे विनाशकारी भूकंप ने मचाई भारी तबाही,154 की मौत और सैकड़ो घायल ।बिहार, उत्तराखंड दिल्ली सहित हिल उठी धरती।

नई दिल्ली। क्या नेपाल में शुक्रवार रात आए विनाशकारी भूकंप  का चंद्रग्रहण से कोई नाता है? चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को लगा था और उसके एक हफ्ते के भीतर नेपाल में भयंकर भूकंप आया है। भीषण भूकंप की वजह से अब तक 154 लोगों की मौत हो चुकी है जबिक सैकड़ों लोग घायल हैं। भूकंप के तीव्र झटके की वजह से नेपाल में कई मकान जमींदोज हो गए. सड़कों में दरारें आ गईं। चंद्रग्रहण के दिन ही अयोध्‍या में श्रीरामजन्‍म भूमि  के मुख्‍य पुजारी आचार्य सत्‍येंद्र दास ने भूकंप और तूफान आने की आशंका जताई थी। आचार्य सत्‍येंद्र दास ने चंद्रग्रहण के दिन चेताया था कि चंद्रग्रहण लगने की वजह से इसका प्रभाव विभिन्‍न राशियों पर पड़ता है। किसी पर सकारात्‍मक तो किसी पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है। ज्‍योतिषाचार्य पंडित नरेन्‍द्र उपाध्‍याय कहते हैं कि चंद्रग्रहण के बाद भूकंप आने की आंशका रहती है। चंद्रमा जल तत्‍व है। चंद्रग्रहण जल और समुद्र को प्रभावित करता है।

पृथ्‍वी के नीचे भी तरल पदार्थ हैं जिसमें अधिकांशत: पानी होता है। चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा पृथ्‍वी के सबसे ज्‍यादा नजदीक होता है। इससे चंद्रमा का गुरुत्‍वाकर्षण बल  समुद्री ज्‍वार को प्रभावित करता है और भूकंप का खतरा बढ़ जाता है। पहले भी चंद्रग्रहण के समय भूकंप की आशंकाएं व्‍यक्‍त की जाती रही हैं और चंद्रग्रहण के बाद भूकंप आया है।

शुक्रवार की देर रात यूपी, दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR), बिहार और उत्तराखंड समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटकों से धरती हिल उठी। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र नेपाल में था, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। लोगों ने दो से तीन झटके महसूस किए। भूकंप का पहला झटका देर रात 11 बजकर 32 मिनट पर महसूस किया गया। भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल के जाजरकोट जिले के पैंक गांव में था। लखनऊ में देर रात झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हाईराइज सोसायटियों में लोग दहशत में आ गए और इन ऊंची इमारतों (High Rise Buildings) से नीचे उतरने के लिए आपाधापी मच गई। देखते देखते लोग सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करने लगे।

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