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2500 करोड़ के क्रिप्टो करेंसी घोटाले के तार कहीं देश में टेरर फंडिंग से तो नहीं,डीजीपी ने जताई आशंका, केंदीय जाँच एजेंसयों से मांगा सहयोग। ।

शिमला, 07 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में 2500 करोड़ के क्रिप्टो करेंसी घोटाले के तार कहीं देश में टेरर फंडिंग से तो नहीं जुड़े हैं? यह आशंका मंगलवार को राज्य के डीजीपी संजय कुंडु ने जताई है। मीडिया से मुखातिब डीजीपी ने कहा कि हिमाचल पुलिस ने इस केस की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों  की मदद मांगी है, ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं यह मामला टेरर फंडिंग  का तो नहीं है। डीजीपी ने कहा कि घोटाले की जांच कर रही पुलिस की SIT ने अभी तक 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर 12 करोड़ की संपत्ति जब्त  की है। हिमाचल के एक लाख लोग ठगी का शिकार हुए, जिनमें 5000 सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। घोटाले में पुलिस कर्मचारियों की भी मिलीभगत रही और 4 पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इन्होंने 2 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाए थे।डीजीपी के मुताबिक, मामले में 100 लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस ने घोटाले के मुख्य सरगना  सुभाष शर्मा की 3 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की है। सुभाष शर्मा देश छोड़कर दुबई भाग गया है। उसके लिए इंटरपोल (Interpol) की मदद से लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। डीजीपी ने बताया की पुलिस ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी है। गिरफ्तार आरोपियों ने जमानत के लिए अर्जी लगाई है। लेकिन हमीरपुर के एक आरोपी को ही जमानत मिली है।

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