सोलन, 15 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में 33 और दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाया गया है। इससे इन जरूरी दवाओं के दाम कम होंगे। राष्ट्रीय औषधि मूल्य नियंत्रण प्राधिकरण ने इन दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने की घोषणा की है। ये दवाएं बीपी, मधुमेह, बच्चों में बैक्टीरिया संक्रमण के इलाज, कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड कम करने व अन्य सामान्य बीमारियों के इलाज में काम आती हैं। एनपीपीए ने कहा है कि कंपनियां सरकार की ओर से तय मूल्य से अधिक कीमत पर इन दवाओं को नहीं बेच सकती हैं। हालांकि कंपनियों को जीएसटी (GST) वसूलने की छूट दी गई है। यह भी केवल उन्हें मिलेगी, जिन्होंने जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करवा रखा हो।बीटा ब्लॉकर दवा मेट्रोप्रोलोल सक्सीनेटेड एक्सटेंडेड का इस्तेमाल एंजाइना के दर्द, हार्ट फेल और उच्च रक्तचाप के इलाज में होता है। इसकी एक गोली की कीमत 10.04 रुपए तय की गई है। यही मूल्य सिलनिडीपाइन और टेलमीसार्टन कॉम्बीनेशन का भी तय किया गया है। बच्चों में बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एमोक्सीसिलीन व पोटेशियम क्लेवुलेनेट ओरल सस्पैंशन का मूल्य प्रति मिलीलीटर 4.16 रुपए तय किया गया है।इसी तरह वयस्कों में टाइप 2 की मधुमेह (Diabetes) के इलाज में काम आने वाले विल्डाग्लिप्टीन और मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक गोली का मूल्य 7.89 रुपए तय किया गया है। एजेटीमाइब और ऐटोवेस्टेटिन कॉम्बीनेशन का मूल्य प्रति टैबलेट 23.85 रुपए तय किया है। यह दवा खून में उच्च कोलेस्ट्रोल नियंत्रित करने व ट्राइग्लिसराइड स्तर बनाए रखने में सहायक हैं।
हिमाचल मे 33 और दवाओं हुई सस्ती।इनको मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाया गया।
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