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फाइव स्टार रिसॉर्ट होटल वाइल्ड फ्लावर पर HPTDC का कब्जा.

शिमला, 18 नवंबर..लंबी अदालती लड़ाई  के बाद हिमाचल सरकार ने शनिवार को छराबरा में बने फाइव स्टार रिसॉर्ट होटल वाइल्ड फ्लावर का अधिग्रहण कर लिया। टूरिज़्म के सेक्रेटरी देवेश कुमार की ओर से जारी आदेशों में  की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर को इसका प्रशासक बनाया गया है। HPTDC से अनिल तनेजा इस प्रॉपर्टी के ओएसडी होंगे। शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद हिमाचल सरकार ने होटल का कब्जा ले लिया। 86 कमरों वाला वाइल्ड फ्लावर होटल अब HPTDC के पास रहेगा। इस तरह अब होटल की 22 एकड़ जमीन पर भी निगम का कब्जा हो गया है। इससे पहले होटल का प्रबंधन ओबेरॉय ग्रुप के पास था। हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2022 को इस संपत्ति के मामले में हिमाचल सरकार  को राहत दी थी। ईस्ट इंडिया होटल, जिसके पास वाइल्ड फ्लावर हाल का प्रबंधन था, उसने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। उस अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

क्या है मामला

यह होटल 1993 तक HPTDC के पास ही था। उसी साल भीषण आग लगने से वाइल्ड फ्लावर हॉल पूरी तरह से नष्ट हो गया था। नया होटल बनाने के लिए राज्य सरकार ने ईस्ट इंडिया होटल कंपनी ईस्ट इंडिया के साथ करार किया था। करार के अनुसार कंपनी को चार साल के भीतर फाइव स्टार होटल  बनाना था। ऐसा न करने पर कंपनी को 2 करोड़ रुपए जुर्माना प्रतिवर्ष राज्य सरकार को अदा करना था। वर्ष 1996 में सरकार ने कंपनी के नाम जमीन को ट्रांसफर किया।

6 साल में नहीं बन सका फाइव स्टार होटल

6 वर्ष बीत जाने के बाद भी कंपनी फाइव स्टार होटल नहीं बना पाई। साल 2002 में सरकार ने कंपनी के साथ किए गए करार (Contract) को रद्द कर दिया। सरकार के इस निर्णय को कंपनी लॉ बोर्ड के समक्ष चुनौती दी गई। बोर्ड ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। सरकार ने इस निर्णय को हाईकोर्ट की एकल पीठ के समक्ष चुनौती दी।

मध्यस्थ ने सरकार का पक्ष लिया

हाईकोर्ट ने मामले को निपटारे के लिए मध्यस्थ (Amicus Curie) के पास भेजा। मध्यस्थ ने कंपनी के साथ करार रद्द किए जाने के सरकार के फैसले को सही ठहराया था और सरकार को संपत्ति वापस लेने का हकदार ठहराया। इसके बाद एकल पीठ के निर्णय को कंपनी ने बैंच के समक्ष चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट में हारी कंपनी

बैंच ने कंपनी की अपील को खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि मध्यस्थ की ओर से दिया गया फैसला सही और तर्कसंगत है। कंपनी के पास यह अधिकार बिल्कुल नहीं कि करार में जो फायदे की शर्तें हैं, उन्हें मंजूर करे और जिससे नुकसान हो रहा हो, उसे नजरअंदाज करें। अब जाकर सरकार ने कोर्ट के आदेशों पर कब्जा किया है।

अंग्रेजी राज की शानदार इमारत

वाइल्ड फ्लावर हॉल ब्रिटिश सेना के पूर्व कमांडर लॉर्ड किचनर का पूर्व निवास रहा है। 1909 में लॉर्ड किचनर ने इंग्लैंड लौटने के बाद इसे रॉबर्ट हॉट्ज़ और उनकी पत्नी को बेच दिया गया। 1925 में पुराने घर को ध्वस्त करने के बाद होट्ज़ ने एक बढ़िया तीन मंजिला होटल बनवाया। आजादी के बाद होटल को भारत सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया। 1971 तक यह इंडियन टूरिज्म के अंडर रहा। 1973 में इसे HPTDC को दिया गया, जिसने 1993 तक वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल चलाया।