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इस कारण से हुआ वाइल्ड फ्लावर होटल का स्टे।

शिमला। शिमला के छराबड़ा में ओबेरॉय ग्रुप के होटल वाइल्ड फ्लॉवर पर शनिवार को जहां हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने कब्जा जमाया, वहीं कुछ घंटे के भीतर कंपनी हाईकोर्ट से स्टे ले आई। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने होटल पर कब्जे के आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले पर फिर सुनवाई होगी। प्रदेश सरकार ने होटल के प्रबंधन और संपति पर कब्जा लेने के आदेश जारी किए थे। ओबेरॉय होटल ग्रुप ईस्ट इंडिया होटल कंपनी लिमिटेड ने हाईकोर्ट में सरकारी आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। सरकार का कहना था कि उसके आदेश हाईकोर्ट द्वारा इसी मुद्दे से जुड़े मामले में पारित आदेशों की अनुपालना में जारी किए गए थे। वहीं, कंपनी का कहना था कि हाईकोर्ट ने उक्त होटल की संपत्ति और प्रबंधन को अपने अधीन लेने के कोई आदेश पारित नहीं किए हैं। हाईकोर्ट ने तो होटल की संपत्ति को अपने कब्जे में लेने के बारे सरकार से विकल्प पूछा था।इस मामले में सरकार को अपना विकल्प 15 दिसम्बर को कोर्ट के समक्ष रखना था। हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेशन अवॉर्ड में दिए आदेशों की अनुपालना करवाने बारे वांछित आदेश दिए थे। कंपनी की दलील थी कि सरकार ने जल्दबाजी दिखाते हुए हाईकोर्ट के आदेशों को अन्यथा लेते हुए उनकी कंपनी के वाइल्ड फ्लॉवर हॉल का प्रबंधन और संपत्ति को अपने अधीन लेने के आदेश जारी कर दिए। कोर्ट ने प्रार्थी कंपनी की दलीलों से फिलहाल सहमति जताते हुए कहा कि कोर्ट ने केवल सरकार से उसका विकल्प पूछा था न कि संपति और प्रबंधन को अपने अधीन लेने के आदेश दिए। कोर्ट ने उपरोक्त तथ्यों को देखते हुए सरकार के आदेशों पर रोक लगा दी और आदेश दिए कि वह वह होटल के प्रबंधन और संपत्ति के कब्जे में दखल न दे। सरकार की ओर से मामले को मंगलवार को सुनवाई के लिए रखने की गुहार लगाई गई थी, जिसे स्वीकारते हुए कोर्ट ने मामले पर सुनवाई 21 नवम्बर को निर्धारित की। कोर्ट ने सरकार को तब तक कंपनी के आवेदन का जवाब दायर करने को कहा है।