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प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा जिले के लूथन में साढ़े 3 करोड़ रुपए की लागत से बने राधे कृष्णा गौ अभ्यारण्य  को बंद करने की मांग से जुड़े मामले पर सरकार को नोटिस जारी।

शिमला,24 नवंबर। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा जिले के लूथन में साढ़े 3 करोड़ रुपए की लागत से बने राधे कृष्णा गौ अभ्यारण्य  को बंद करने की मांग से जुड़े मामले पर सरकार को नोटिस जारी किया है। खंडपीठ ने याचिका ने पवन कुमार की याचिका पर सुनवाई करने के पश्चात प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। प्रार्थी ने मुख्य सचिव सहित पशु पालन विभाग के सचिव, वन सचिव, गौ सेवा आयोग बालूगंज के निदेशक, केंद्रीय पशु पालन विभाग के सचिव और एनिमल वेलफेयर बोर्ड को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट ने इन प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब दायर करने के आदेश दिए।मामले में दिए तथ्यों के अनुसार 23 जनवरी 2019 को प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आवारा पशु  मुक्त करने के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम एक पशु अभ्यारण्य स्थापित करने बारे दिशा-निर्देश तय किए थे। 31 जुलाई 2020 को पशु विभाग ने अभ्यारण्यों में पशुओं की देख-रेख संबंधी एसओपी (SOP) जारी किया। 7 अप्रैल 2021 को एक और एसओपी जारी कर गौ सदनों की कार्यप्रणाणी तय की गई। 20 जनवरी 2022 को सरकार ने कांगड़ा के ज्वालाजी के लुथन में राधे कृष्णा गौ अभ्यारण्य स्थापित करने का निर्णय लिया। दो साल में वहां 1310 आवारा गायों को रखा गया और इन्ही दो वर्षो में 1200 गाएं कुपोषण और बीमारी से मारी गईं। प्रार्थी ने इस अभ्यारण्य को लुथन में बंद कर किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थापित करने का आदेश जारी की मांग की है। कोर्ट ने प्रार्थी के लगाए आरोपों पर सरकार और गौ सेवा आयोग से जवाब-तलब किया है। मामले पर सुनवाई 4 दिसम्बर को निर्धारित की गई है।