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कश्मीर के युवा पहुँचे मनाली, हिमाचली संस्कृति से हुए रूबरू,नेहरू का रेडियो भी देखा।

कुल्लू,28 नवंबर। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के दौर के रेडियो को कश्मीर के युवाओं ने देखा। वर्ष 1958 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू देवभूमि हिमाचल के मनाली आए थे। इसके बाद मनाली को रेडियो भेंट किया था। आधुनिकता के इस दौर में मनाली स्कूल में रेडियो एक स्मृति के रूप में हैं। वहीं, वतन जानने पहुंचे भारत के कश्मीर के युवा भी इस रेडियो को देखकर खुश हुए, युवाओं ने पहली बार रेडियो देखा। खासियत रेडियो देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा दिया गया है। भारत के कश्मीर के युवाओं ने बाकायदा विश्व पटल में प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली में पहुंचकर आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिसा बने। अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण संस्थान मनाली में कार्यक्रम हुआ। यहां पहुंचकर हिमाचल के साथ एक आदान-प्रदान की भावनाओं को जागृत किया। विभिन्न क्षेत्रों का विजिट किए और वतन को जाना। हिमाचल के खान-पान, रहन-सहन, संस्कृति से भी रू-ब-रू हुए। कश्मीर के युवा पहली बार अपने घर, गांव, जिला से बाहर आए और नेहरू युवा केंद्र, युवा मामले विभाग, भारत सरकार द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत आयोजित किए गए छह दिवसीय कश्मीरी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा बने। इस कार्यक्रम में कश्मीर घाटी के छह जिलों बडग़ांव, अनंतनाग, श्रीनगर, पुलवामा, बारामुला और कुपवाड़ा से 132 प्रतिभागी आए थे। इनमें कश्मीर के इन जिलों से लगभग 62 युवतियां भी शामिल रहीं, जो पहली बार अपने घरों से बाहर आईं और एक भारत श्रेष्ठ भारत का जागृत संदेश दे गई।राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के विजिट के दौरान जहां कश्मीर के युवाओं ने हिमाचल के साथ यहां देश के पहले प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए रेडियो को देखा तो वहीं, हिमाचल के सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रार्थना सभा में हिस्सा बने। बच्चों के साथ इस दौरान नाटी भी डाली। हिमाचल और कश्मीर ने इस दौरान भाषा को आदान-प्रदान किया। अटल टनल रोहतांग को देखकर कश्मीर के युवा बेहद गदगद हुए। भुट्टिको के शोरूम का भी विजिट किया, जिसमें कुल्लवी टोपी, शॉल को देखा, कुल्लवी टोपी पहनकर युवा प्रसन्न हुए। रोरिक आर्ट गैलरी का विजिट किया, वहीं कश्मीर के युवाओं ने यहां पर फूड फेस्टिवल में एक प्रदर्शनी लगाई, जिसमें कश्मीरी अनाजों को रखा गया। बेहतरीन कश्मीर के आइट्मस को रखा गया। जबकि हिमाचल ने प्रदर्शनी के माध्यम से हिमाचली टोपी, शॉल, लाल चावल, राजमाह, मक्का आदि अनाजों से रू-ब-रू करवाया। वहीं, सिड्डू और कोदरे की रोटी का भी कश्मीर के युवाओं ने स्वाद चखा। उधर, नेहरू युवा केंद्र कुल्लू की जिला युवा अधिकारी सोनिका चंद्रा ने कहा कि छह दिवसीय कश्मीरी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम काफी सफल रहा।