News Polkhol

विधायकों के वोटिंग राईट को उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश सरकार से जवाब तलब।

शिमला,01 दिसंबर । हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगमों के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनावों  में विधायकों के वोटिंग राईट को चुनौती देने वाली पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। सोलन निवासी बीजेपी पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता ने नगर निगमों में विधायक को मिले वोट के अधिकार के खिलाफ याचिका दायर की है। शैलेन्द्र गुप्ता ने आवदेन के माध्यम से मामले में फैसला आने तक अंतरिम राहत  के तौर पर विधायकों के वोटिंग राईट पर रोक लगाने संबंधी आदेशों की मांग भी की है। कोर्ट ने फिलहाल कोई अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए सरकार से प्रार्थी के इस आवेदन पर भी जवाब-तलब किया है। सोलन निवासी शैलेन्द्र गुप्ता ने सरकार के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें स्थानीय विधायक को मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव का अधिकार दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस आदेश से मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव प्रभावित होंगे। गुप्ता का कहना है कि सरकार की ओर से डीसी मंडी को भेजे गए आदेश में पहले विधायक को वोट का अधिकार नहीं था। डीसी मंडी व डीसी सोलन ने 13 अक्टूबर को विधायक के वोटिंग राइट्स को लेकर क्लैरिफिकेशन मांगी थी, जिसके जवाब में 21 अक्टूबर को सरकार ने डीसी मंडी को भेजे पत्र में स्पष्ट किया था कि नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में विधायक को वोट का अधिकार नहीं है। इसके बाद अचानक सरकार ने 23 नवम्बर को जारी आदेश में विधायक को वोट का अधिकार दे दिया। सरकार ने यह फैसला उस समय लिया] जब 24 नवम्बर को पालमपुर व 25 नवम्बर को मंडी नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव होना था। प्रार्थी ने आरोप लगाया कि सरकार ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए ऐन मौके पर जनविरोधी फैसला लिया। प्रार्थी ने मुख्य सचिव सहित शहरी विभाग सचिव व निदेशक को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट ने इन्हे नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। मामले पर 18 मार्च को सुनवाई निर्धारित की गई है।