शिमला। हिमाचल प्रदेश में जनता का सहारा बनी “हिमकेयर योजना” को सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए बंद करने का फैसला लिया है। निजी अस्पतालों की भारी-भरकम देनदारी अदा करने में सरकार के पसीने छूट रहे थे।कैबिनेट में इस विषय पर गहन मंथन के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने निजी स्वास्थ्य संस्थानों में इसे बंद करने का फैसला लिया है। हिमकेयर योजना पूर्व की जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने वर्ष 2019 में शुरू की थी।वैसे तो केंद्र सरकार की ‘आयुष्मान योजना’ का लाभ हिमाचल की जनता को मिल रहा था, लेकिन जो लोग आयुष्मान योजना के भीतर कवर नहीं हो रहे थे, उनके लिए पूर्व भाजपा सरकार ने हिमकेयर योजना शुरू की थी।अब सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने निजी अस्पतालों की बढ़ती देनदारी को चुकाने में खुद को असमर्थ पाकर इसे निजी अस्पतालों के लिए बंद करने का फैसला लिया है। यानी प्राइवेट अस्पतालों में सरकार अब हिमकेयर योजना नहीं चलाएगी। हिमकेयर कार्ड धारक अब प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज नहीं करवा पाएंगे। ये आम जनता के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।हिमाचल प्रदेश में जो लोग किसी कारणवश सरकारी अस्पताल में ईलाज नहीं करवा पाते थे, वो हिमकेयर योजना का लाभ निजी अस्पताल में जाकर लेते थे। इसके तहत पांच लाख रुपये तक का कैशलेस ईलाज होता रहा है।हिमाचल व हिमाचल के बाहर 141 निजी स्वास्थ्य संस्थानों में हिमकेयर कार्ड चलता था। इसमें ईलाज का भुगतान सरकार करती थी। सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों की संख्या 292 है, जहां ये हिमकेयर कार्ड की सुविधा मिलती आ रही थी।समय-समय पर निजी अस्पतालों को भुगतान न करने पर हिमकेयर कार्ड नहीं चलते थे। सरकार देनदारी समय पर नहीं चुका पाती थी। सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस वित्त वर्ष में योजना के लिए 100 करोड़ रुपये प्रावधान किया था।आलम ये था कि भुगतान की रकम बहुत अधिक थी। 100 करोड़ रुपये जल्द ही खत्म हो गया था। इस समय भी हिमकेयर योजना के तहत सरकार पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है। हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर योजना के तहत 31 लाख के करीब कार्ड बने हुए हैं।सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कैबिनेट की मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा की थी कि क्या सरकारी कर्मचारियों को हिमकेयर कार्ड की सुविधा मिलनी चाहिए…? कैबिनेट में सहमति बनी कि सरकारी कर्मचारियों के लिए भी हिमकेयर कार्ड अब बंद किया जाएगा। सरकार के ध्यान में एक तथ्य आया था कि यदि एक सरकारी कर्मचारी है तो कहीं ना कहीं उनके परिवार में पत्नी के नाम पर भी हिमकेयर कार्ड बना हुआ है। सरकारी कर्मचारी को तो वैसे भी मेडिकल री-इंबर्समेंट की सुविधा मिलती है। अब जांच में ये पाया गया कि किसी सरकारी कर्मचारी ने हिमकेयर कार्ड बनवाया हुआ है तो उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा।सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस मसले पर एक और कैबिनेट सब-कमेटी गठित की है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अगुवाई वाली कमेटी इस मामले को देखेगी। ये उप समिति वैसे तो हेल्थ सेक्टर में रिफॉर्म के लिए बनाई गई है, लेकिन ये निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं वाले कार्ड से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा भी करेगी। कमेटी में सुखविंदर सिंह सरकार ने चार अन्य मंत्री जोड़े हैं। इनमें स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार व आयुष मंत्री यादविंद्र सिंह गोमा का नाम शामिल है।
“हिमकेयर योजना” को सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश ने निजी अस्पतालों के लिए बंद करने का फैसला।
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