नाहन।जिला सिरमौर के तहत ग्रामीण क्षेत्र में 16 जून की सुबह सनसनी फैल गई थी। जंगल में शीशम के पेड़ पर किशोर व किशोरी के शव लटके हुए थे। हर कोई स्तब्ध था, आखिर 15-16 की उम्र के बच्चों ने आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम क्यों उठाया। करीब सवा महीना गुजर जाने के बाद खौफनाक वारदात ने एक नया मोड़ लिया है।दरअसल, मृतक किशोर की मां ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक रमन मीणा से मुलाकात कर हत्या के नजरिए से जांच की अपील की। जानकारी के मुताबिक पुलिस को अब तक लड़के व लड़की का सामान बरामद नहीं हुआ है। साथ ही मोबाइल भी नहीं मिले हैं। ये बात, हालांकि पुलिस को भी शुरू से खटक रही थी, लेकिन हत्या के बिंदु पर जांच नहीं हुई थी।बताया ये भी जा रहा है कि मृतक किशोरी का ताल्लुक ओबीसी से था, जबकि युवक का संबंध अनुसूचित जाति से था। युवक की मां न्याय की गुहार लगा रही है। मृतक किशोर की मां ने पुलिस अधीक्षक को साफ तौर पर कहा कि बेटे ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या हुई है।अब सवाल ये उठता है कि किशोर व किशोरी की हत्या क्यों की जाएगी। इसको लेकर जनवादी महिला समिति की पूर्व राज्य अध्यक्ष संतोष कपूर ने कहा कि वारदात की जांच दौरान माजरा पुलिस सदर थाना से संपर्क किया, वहां लड़के व लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी।
16 वर्षीय लड़का पांवटा साहिब के माजरा गांव का रहने वाला था, वहीं 15 साल की लड़की पड़दूनी पंचायत के मेहराड़ गांव की रहने वाली थी। 6 जून को लडकी के परिजनों ने अगवा होने का मामला दर्ज करवाया था। दोंनो के शव क्षत-विक्षत हालत में थे, लिहाजा ऐसी आशंका जाहिर की जा रही थी कि 6 से 8 जून के बीच किशोर व किशोरी की मौत हो गई थी।