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बीएनबी एवं होमस्टे ऐसोशिएशन ने राज्य सरकार की प्रस्तावित नीति का विरोध।

शिमला। बीएनबी एवं होमस्टे ऐसोशिएशन ने राज्य सरकार की प्रस्तावित इस नीति का विरोध किया है कि राज्य के बीएनबी तथा होम स्टे संचालकों से बिजली,पानी एवं गारबेज की व्यवसायिक दरें बसूली जाए। इस संबंध में संघ का एक प्रतिनिधि मंडल निदेशक र्प्यटन विभाग मानसी सहाय से मिला । संघ का कहना है कि यदि व्सवसायिक दरों को लागू किया गया तो प्रदेश में चल रहे हजारों ऐसे संस्थान न केवल बंद हो सकते हैं तो वहीं हजारों बेरोजगार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में संघ के सदस्यों को इस नीति के खिलाफ संघर्ष करते हुए सड़कों पर आने के लिए विवश होना पड़ सकता है। निदेशक मानसी सहाय ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्ण विचार किया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आतुल्य भारत एवं राज्य सरकार ने होमस्टे नीति को इस उद्ेश्य के साथ लागू किया था कि राज्य में घरेलू स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा स्थानीय लोगों विशेषकर घरेलू महिलाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए जा सके। इसका मकसद यह भी है कि ग्रामिण एवं शहरी इलाकों में होटल कल्चर से हटकर पर्यटकों को घर से दूर घर जैसा माहौल उपलब्ध करवाते हुए उन्हें स्थानीय व्यंजनों एवं स्थानीय सांस्कृति से अवगत करवाया जा सके। वर्तमान नीति का भारत सरकार तथा राज्य सरकार भी पूर्ण तौर पर व्यवसायिक संस्थान न मान कर घरेलू संस्थान मानती है तो वहीं हिमाचल उच्च न्यायालय भी अपने आदेशों में स्पष्ट तौर पर आदेश जारी कर चुका है कि इन संस्थानों को किसी भी दृष्टि से व्यवसायिक संस्थान नहीं कहा जा सकता। संघ द्वारा सौंपे गए मांगपत्र में मांग की गई है कि बीएनबी तथा होमस्टे पर बिजली,पानी, प्रोप्रटी तथा गारबेज पर व्यवसायिक दरों को न थोपा जाए। बीएनबी तथा होमस्टे के लिए राज्य के शहरी एवं ग्रामिण क्षेत्रों में एक समान नीति को लाया जाए। भारत सरकार की आतुल्य भारत की नीति का अनुसरण करते हुए हिमाचल में भी इस नीति को लागू किया जाए। राज्य सरकार देश भर में जारी अपनी प्रचार-प्रसार नीति में बीएनबी तथा होमस्टे को भी शामिल करे। यह संस्थान पर्यटकों को बेहतर सुविधाए उपलब्ध करवा सके, इसके लिए र्प्यटन विभाग ऐसे संस्थान संचालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन करे। यह मांग भी की गई है कि प्रदेश में जो होटल,बीएनबी तथा होगस्टे अनाधिकृत तौर पर चल रहे है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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