शिमला। हिमाचल प्रदेश के रामपुर तहसील के समेज गांव में बादल फटने से लोगों की जिंदगी तहस-नहस होकर रह गई है। आलम ये है कि अब तो लापता हुए अपनो के मिलने की कोई उम्मीद भी नहीं दिख रही है। बीती 31 जुलाई को बादल फटने से आई बाढ़ ने गांव के कई परिवारों को प्रभावित किया है, जिसमें अभी तक 36 लोग लापता हैं। इन्हीं में से कल्पना केदारटा और उनके दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं। पावर प्रोजेक्ट में अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत थीं कल्पना 34 साल की कल्पना केदारटा पावर प्रोजेक्ट में अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत थीं। उन्हें पहली अगस्त से झाखड़ी में अपनी नई पोस्टिंग पर जॉइन करना था। लेकिन, वह अपने दो बच्चों के साथ बाढ़ की चपेट में आ गई। इससे पहले कल्पना ने अपनी इंस्टाग्राम रील में अपनी चिंता और जीवन की अनिश्चितता को साझा किया था। कल्पना ने मौत से एक दिन पहले रील में कहा था कि लोग काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।लेकिन मौत के सामने वो खुद को असहाय महसूस करती हैं। इस रील के कुछ ही घंटे बाद, कल्पना अपने दो बच्चों सात वर्षीय अक्षिता और चार वर्षीय अद्विक के साथ बाढ़ में बह गईं।
काम कर लो मौत नही आती,मौत आने से पहले कल्पना ने बनाई रील।
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