शिमला। हिमाचल प्रदेश की आर्थिक हालत पर विधानसभा में सोमवार को टकराव हो सकता है। इसकी वजह बनेगी कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी और पेंशन। यदि सोमवार को भी सैलरी और पेंशन को लेकर मैसेज नहीं आया, तो विपक्ष इसे मद्दा बना सकता है। सत्र सोमवार को दोपहर बाद दो बजे शुरू होगा, इसलिए इससे पहले सैलरी और पेंशन को लेकर स्थिति भी साफ हो जाएगी। कांग्रेस के तीन विधायकों केवल सिंह पठानिया, भवानी पठानिया और चंद्रशेखर ने नियम 130 के तहत आर्थिक स्थिति पर चर्चा पहले ही मांग रखी है। ऐसे में विपक्षी दल भी आर्थिक स्थिति को लेकर नोटिस दे सकता है। शनिवार को ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों की सैलरी पांच तक और पेंशन 10 तारीख तक डालने की व्यवस्था लागू करने का आरोप लगाया था। यह बात जाहिर है कि विधानसभा के अंदर भी उठेगी। हिमाचल के इतिहास में सैलरी और पेंशन को लेकर इस तरह का संकट पहले नहीं आया था। राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों में भी इस स्थिति को लेकर काफी चिंता और चर्चा है।हालांकि सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को लेकर आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री आर्थिक संकट होने से भी इनकार कर रहे हैं। सोमवार को विधानसभा में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर चर्चा भी जारी रहेगी। कानून और व्यवस्था पर भी नोटिस दिया गया है, लेकिन वित्तीय स्थिति को लेकर इससे पहले ही हंगामा होने के आसार बन गए हैं। सोमवार को दो बिल भी विधानसभा में रखे जाएंगे। एक बिल के जरिए हिमाचल प्रदेश कृषि उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। दूसरे बिल के जरिए हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है।