शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग की गई विद्यार्थी परिषद के इकाई सचिव अविनाश शर्मा ने कहा की कहीं न कहीं प्रदेश सरकार इस बात से डर रही है की आने वाले समय में कोई उनसे अच्छा नेता तैयार न हो जाए। इसके साथ कहा गया की विश्वविद्यालय में अभी भी कोई स्थाई कुलपति नहीं है जिसकी वजह से बहुत से काम देरी से होते हैं एवम बहुत से काम रुके हुए हैं। विद्यार्थी परिषद ने कहा की अभी तक सरकार को एक स्थाई कुलपति नियुक्त कर देना चाहिए था लेकिन अभी तक नहीं किया गया।इसके साथ साथ प्रवेश परीक्षा और परिणामों में अनेकों खामियों के खिलाफ अभाविप द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। जहां हम देखते है की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को ए ग्रेड का दर्जा दिया गया है वहीं दूसरी ओर इस वि. वि. मे एक से बढ़करएक परिणामों में अनियमिताएं सामने आ रही है। साथ मे विद्यार्थी परिषद का कहना है कि पुनर्मूल्यांकन परिणामों को समयबद्ध प्रक्रिया से जारी किया जाना चाहिए।इसी के साथ परिषद ने मांग रखते हुए बताया की विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति को नियुक्त किया जाए और 350 से अधिक खाली पड़े गैर शिक्षक पदो को तुरंत प्रभाव से भरने की मांग करी जिस से प्रशासनिक काम को गति मिले और समय पर छात्रों के परिणाम तथा अन्य काम समय से हो सके।साथ ही सभी विभागों की कक्षा के लिए स्थाई परिसर की मांग करी गई, अपने भाषण में अविनाश ने बताया की विश्वविद्यालय में कुछ ऐसे विभाग हैं जिन्हे अपनी प्रयोगशाला की जरूरत है लेकिन अभी तक उन्हें अपने भवन तक नहीं मिले।एबीवीपी ने होस्टल आबंटन प्रक्रिया मे सुधार करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को कहा। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि विश्वविद्यालय के अंदर जहां छात्र एंट्रेंस मे टॉप करने की होड़ मे रहता था ताकि उसे हॉस्टल जल्द – जल्द मिल सके, परंतु इस समय वि. वि. के हालात ऐसे है कि जो विद्यार्थी टॉप करता है, वो भी होस्टल आवंटन प्रक्रिया से वंचित रह जाता है। विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मत है कि मेरिटोरियस छात्रों को भी होस्टल देने होंगे साथ ही EWS category के छात्रों के लिए भी हॉस्टल आबंटन प्रक्रिया मे रिजर्वेशन देना होगा।हम देखते है 55 साल पुराना विश्वविद्यालय परन्तु उतनी ही पुरानी उसकी समस्याएं अभी तक चलती आ रही है। वि.वि. के पुस्तकालय की क्षमता इतनी नही है कि सभी विद्यार्थी पुस्तकालय मे बैठ सके।वही विद्यार्थी परिषद का कहना है कि विश्वविद्यालय के अंदर SFS ( non- subsidised seat ) के नाम पर छात्रों को लूटने का कार्य यह प्रशासन कर रहा है। विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मत है कि non subsidised फीस की बढ़ोतरी को कम करना चाहिए।इसी के साथ परिषद ने इंडोर स्टेडियम की मांग को भी प्रशासन सामने रखा, उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय मे छात्रों को खेल की तरफ आकृषित करने एवं छात्रों को मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए इंडोर स्टेडियम का विश्वविद्यालय मे होना बहुत जरूरी है, उन्होने कहा की काफी समय से विधार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई इस मांग को प्रशाशन के समक्ष रखते आया है और हिमाचल के सबसे पुराने विश्वविद्यालय के पास खुद का अपना इंडोर स्टेडियम नही है।अंत में परिषद के इकाई मंत्री अविनाश शर्मा ने कहा की यदि हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो परिषद इस प्रदेश व्यापी आंदोलन को तीव्र गति से उग्र करने मे परहेज नहीं करेगी और जिसका जिमेदार प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।