शिमला। प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक 2024 पेश किया। बुधवार को इस पर सदन में चर्चा हागी। इस विधेयक के माध्यम से विधानसभा से अयोग्य करार दिए गए विधायकों को पेंशन का हकदार नहीं माना जाएगा। यानी उनको पेंशन नहीं मिलेगी। वहीं, यदि पेंशन मिल भी गई है, तो उस पैसे को रिकवर किया जा सकेगा, इसका प्रावधान किया जा रहा है। विधेयक में इसकी धारा 6-ख का उल्लेख किया गया है, जिसमें संशोधन किया जाना है।इसमें 2 (अ) में कहा गया है कि अन्तविष्ट किसी बात के प्रतिकूल होते हुए भी कोई व्यक्ति अधिनियम के अधीन पेंशन का हकदार नहीं होगा, यदि उसे संविधान की दसवीं अनुसूची के अधीन किसी भी समय अयोग्य करार किया गया है तो, परंतु यदि कोई व्यक्ति इस उपधारा के अधीन पेंशन के अधिकार से वंचित हो जाता है, तो उसके द्वारा पहले से ली गई पेंशन की रकम ऐसी रीति में वसूल की जाएगी, जैसी विहित की जाए। यानी उसकी रिकवरी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस विधेयक को सदन में पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि सांविधानिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए लोगों के जनादेश की रक्षा, लोकतांत्रित मूल्यों के संरक्षण और इस सांविधानिक पाप के निवारण के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन अधिनियम 1971 में संशोधन करना आवश्यक है। बता दें कि इसके दायरे में दो पूर्व विधायक आएंगे, जिनमें चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो हैं।
अयोग्य विधायकों को पेंशन नही सदन मे बिल पेश।
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