शिमला। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से हिमाचल को बड़ी आजादी मिली है। भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के तहत प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए एक साथ 92,364 घरों के आवास दिए हैं। 31 मार्च, 2024 तक मिले 17188 घर का भी हिस्सा होगा। यह विचार इसलिए मिला है, क्योंकि भारत सरकार ने निर्णय लिया था कि जहां भी पात्रता सूची में एक लाख घर कम हों, उन्हें यह घर एक साथ दे दें। भारत सरकार ‘सबके लिए आवास’ के लक्ष्य के साथ इस योजना का विस्तार दे रही है। इस संबंध में हिमाचल सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के उप सचिव प्रसाद की ओर से हिमाचल सरकार के ग्रामीण विकास एवं औद्योगिक राज विभाग के सचिव को एक साहसिक पत्र भेजा गया है।
3 सितंबर, 2024 को यह पत्र जारी किया गया जिसके अनुसार अब हिमाचल में गरीब परिवारों को 92,364 घर मिल फाइनेंस मिले। इतना बड़ा आबंटन इससे पहले हिमाचल से कभी नहीं मिला था। केंद्रीय मंत्रालय की सूची के अनुसार देश के छोटे राज्यों से लेकर हिमाचल प्रदेश तक सबसे अधिक 92,364 घर दिए गए हैं। अब तक हिमाचल प्रदेश में सर्वे के तहत 17,188 घरों के लिए राशि जारी की गई है। इनमें से अधिकांश घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और कुछ घरों का निर्माण कार्य जारी है। प्रदेश में वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार हिमाचल प्रदेश में अब तक घर का पूरा पता चल गया है। इनमें से कुल 92,364 घरों में से 60 प्रतिशत घर जनजाति के लोगों को शामिल करना आवश्यक है। मकान के आबंटन के लिए चयन 15 जुलाई, 2021 को मंत्रालय द्वारा मकान का आधार जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं विकास विभाग ने अब इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
हर घर के लिए तीन किस्तों में मिलेंगे 1.50 लाख।
पिटेवाई-जी के तहत पात्र लोगों को घर बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये की राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है और 20 हजार रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। केंद्र सरकार द्वारा राशि में तीन किस्त बताई गई है, जिसमें पहली किस्त 65 हजार, दूसरी किस्त 50 हजार और तीसरी किस्त 15 हजार रुपये बताई गई है। पात्र को विकास खंड अधिकारी के माध्यम से राशि का भुगतान किया जाता है।