शिमला।, विश्व भर में पितृ पक्ष 17 को सीतांवर से सूर्योदय हो रहा है और यह 2 अक्टूबर तक जारी है। कहते हैं इस दौरान पितृ पक्ष पर पृथ्वी पर अपने संबंधों के पास आशीर्वाद आशीर्वाद देते हैं। या पितृ पक्ष की मुक्ति के लिए कई उपाए करते हैं। ताकि उनका पैतृक ख़ुशमिज़ाज़ आशीर्वाद दे। यह क्या करना चाहिए.
घर के मुख्य द्वार पर दीपक पितृ पक्ष के दौरान अवश्य जलाना चाहिए क्योंकि घर के मुख्य द्वार से ही पितृ पक्ष में प्रवेश किया जाता है। यह काम आप पितृ पक्ष के हर दिन कर सकते हैं। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की नकारात्मकता भी दूर होती है। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना पितृपक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ के नीचे पितृ देवों का निवास स्थान है। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितरों की कृपा आप पर बरसती है। साथ ही पितर सुख होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पितरों की तस्वीरों के सामने जलते हैं दीपक पितृपक्ष के दौरान पितरों की तस्वीरों के शुद्धिकरण के दौरान उसी स्थान के नीचे दीपक जलते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। दक्षिण दिशा में दीपक लगाने से पितरों की दिशा का पता चलता है। इस दिशा में दीपक से पितृ चित्र मिलते हैं और दीपों की आत्मा भी तृप्त होती है। साथ ही व्यक्ति को जीवन में उत्तम परिणाम मिलते हैं। इस अवधि में पितरों का तर्पण करना, उनका निमित्त दान और ध्यान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान पूर्वज पितृ लोक से धरती लोक पर आते हैं और श्राद्ध कर्म से अपने वंश पर आशीर्वाद मांगते हैं। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ दोषों से मुक्ति होती है और जीवन में आने वाली कठोर धातुओं से मुक्ति मिलती है। इस दौरान केवल दान-पुण्य करके ही नहीं बल्कि कुछ विशेष स्थान पर भी दीपक जलाने पर पितरों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितरों की कृपा आप पर बरसती है। साथ ही पितर सुख होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितरों की तस्वीरों के सामने जलते हैं दीपक पितृपक्ष के दौरान पितरों की तस्वीरों के शुद्धिकरण के दौरान उसी स्थान के नीचे दीपक जलते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। दक्षिण दिशा में पितरों के लिए दीपक दक्षिण दिशा में पितरों की दिशा मन का होता है। इस दिशा में दीपक जलाने से लेकर पितृ चित्र भी मिलते हैं और दीयों की आत्मा भी तृप्त होती है। साथ ही व्यक्ति को जीवन में उत्तम परिणाम मिलते हैं।