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समग्र जल विद्युत क्षमता में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करने के लिए हिमाचल को मिला पुरस्कार

जल विद्युत क्षमता में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करने के लिए हिमाचल प्रदेश को वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो में समग्र जल विद्युत क्षमता में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य से सम्मानित किया गया। केन्द्रीय नवीन एवं सावर्जनिक ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज गुजरात के गांधीनगर में सार्वजानिक एवं सांस्कृतिक ऊर्जा साझीदार सम्मेलन एवं एक्सपो में हिमाचल प्रदेश को साक्ष्य-पत्र प्रदान किया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और विधायक नै नीरजीयर को पुरस्कार मिला। कदम उठा रही है और इसके लिए सरकार ने अब तक कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जल विद्युत और औसत ऊर्जा का दोहन करने के लिए सरकार विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि पेखूबेला स्थित छह माह के रिकार्ड में 32 साल पहले से ही 32 दिनों के स्टार्टअप का ऑपरेशन शुरू किया गया है। वहीं, दो सौर ऊर्जा ऊर्जा संयंत्रों, 10 मंडलों के कुटलैहड़ और पांच मेगावाट के भांजल प्रोजेक्ट को भी जल्द ही जनता को समर्पित किया जाएगा। ओस ने कहा कि इन मंडलों के शुरू होने से जहां कार्बन डाइऑक्साइड में कमी आएगी, वहीं अन्य मंडलों के मंडलों पर भी कम काम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक ग्रुप का इस्तेमाल आधिकारिक तौर पर कर रही है। सरकारी असेंबल में इलेक्ट्रिक असेंबल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए डीकेल को चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार हरित उद्यम को बढ़ावा दे रही है। एक सरकार पर भरोसा जताने के लिए प्रदेश की जनता का सहयोग करने के लिए कहा गया कि लोगों के दृढ़ सहयोग के कारण राज्य सरकार विभिन्न शैक्षिक एवं कार्यक्रम क्रियान्वित कर सकती है। रही है. उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के फलस्वरूप आगामी कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य के रूप में विकसित होगा।

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