शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब युवा सचिवालय संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 20 सितंबर को सचिवालय संघ सीएम को आठ सूत्रीय मांग पत्र सोपने सचिवालय । इस दौरान प्रदेश भर के छात्रों को रियासत संघ से सचिवालय तक पहुंचने का मौका दिया गया है। नाबालिग युवाओं ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थायी सरकार के 2 साल के कार्यकाल में दस हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा सरकार टायर्ड और स्कैंडल कर्मचारियों को फिर से नियुक्त किया जा रहा है, जबकि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने आउटसोर्स के माध्यम से भारतीयों को बंद करने का वादा किया था। उद्योग संघ ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार प्रदेश की जनता को अनादरित कर रही है। कैबिनेट से 6500 पद सृजित किए गए लेकिन मुआवज़े के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। उद्योगपति संघ ने प्रदेश सरकार के समक्ष 8 सूत्रीय मांग पत्र जारी किया।
20 सितंबर को सचिवालय में बिकेगा मांग पत्र।
युवाओं का कहना है कि प्रदेश में 2 साल की सबसे बड़ी बेरोजगारी बेरोजगारी है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के समय कांग्रेस ने रोजगार के बड़े पैमाने पर वादे किये थे लेकिन अभी तक भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सत्य से तो चीन चल गया लेकिन मुक़दमा बनाने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई। एचपीआरसीए द्वारा बनाए गए चयन बोर्ड को भंग कर दिया गया था, लेकिन अब तक वहां भर्ती चयन आयोग (एचपीआरसीए) द्वारा नहीं किया गया है। ऐसे में अब आने वाली 20 सितंबर को सचिवालय और सीएम को अपने 8 सूत्रीय मांग पत्र में उन्होंने कहा है कि ग्रेजुएट यूथ कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। प्रदेश भर से कट्टरपंथियों को सचिवालय पहुंचने की अपील की है।