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हिमाचल में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा हैः मुख्यमंत्री

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां राष्ट्रीय टास्क फोर्स की दो दिवसीय बैठक के तहत राष्ट्रीय क्षय रोग कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस बैठक में आयुर्वेद के क्षय रोग विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में दूसरी बार यह अहम बैठक होने वाली है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘मेरी टीबी की कहानी स्टेज-2’ की शुरुआत की। इसका पहला उद्देश्य टीबी से जुड़े बच्चों को दूर करना और इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है। इस अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश का पहला राज्य है। हिमाचल प्रदेश में क्षय रोग विशेषज्ञ का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी और परामर्श प्राप्त होंगे, जो इस खतरनाक बीमारी से शुरू होगी। सिद्धहोगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार टी.बी.एस.सी.ए. हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है और राज्य में हर साल लगभग 15,000 टी.बी.ई. लाश का इलाज चल रहा है. इस बीमारी की जांच में प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में टी.बी.आई. के उपकरण स्तर पर ही टी.बी. का पता लगाने के लिए राज्य में मल्लीक्यूलर परीक्षण की शुरुआत की गई है और पांच साल में व्यावसायिक स्तर पर टी.बी. के लिए पता जानकारी उपलब्ध कराई गई हैं। हैं। जल्द ही इस सेवा का विस्तार शेष सौंदर्य में भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के स्वच्छ पर्यावरण पर ध्यान दे। राज्य की आवश्यकता पर बल देने की बात कही गई है कि सरकार ने एम्स दिल्ली के लिए आधुनिक तकनीक कंसल्टेंसी की आवश्यकता पर बल देने की बात कही है। टांडा मेडिकल कॉलेज और आईजीएमसी, अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को शामिल किया जा रहा है और शिक्षा अभ्यर्थियों, नर्सों और पैरा मेडिकल स्टाफ को अस्पताल में छूट देने का भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर 2,700 पदों पर बहाली की प्रक्रिया जारी की गई है।
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को विशेष स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार वृद्धजनों के लिए घर-द्वार पर माइक्रोस्कोप मेडिकल जांच के लिए नई योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। राज्य में कैंसर के घुटने की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्युत संयंत्र के संचालन और विद्युत ऊर्जा संयंत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है और जिला सोलन के नालागढ़ में विद्युत संयंत्र के हरित संयंत्र की स्थापना की जा रही है।
स्वास्थ्य एवं कल्याण परिवार मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि टी20 के तहत नेशनल टास्क फोर्स के प्रयासों से सामाजिक दृष्टिकोण में काफी बदलाव आया है। उन्होंने जन जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राज्य में इस बीमारी को ठीक करने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में टी.बी.एन. सरकार की ओर से 1,500 किसानों को विशेष रूप से दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए वित्तीय सहायता और स्वास्थ्य सुविधा को बढ़ावा दिया जा रहा है। बच्चों का कल्याण, उनकी शिक्षा, देखभाल और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने का उद्देश्य मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कल्याण के लिए वर्ग सिद्धांत की आवश्यकता है। इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, एनएचएम मिशन निदेशक प्रियंक वर्मा, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. गोपाल बारी, राष्ट्रीय कार्य बल के अध्यक्ष डॉ. अशोक भारद्वाज, सेंट्रल टीबी डिवीजन के संयुक्त निदेशक डॉ. संजय कुमार मट्टू और डीडीजी-टीबी डॉ. रशिव सिंह और अन्य सचिव वैयक्तिक थे।

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