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शिमला में बेरोजगारों का हल्ला बोल।

हिमाचल में किसानों का गुस्सा फूटा है और आज वे सड़क पर उतर आए हैं। राजधानी में सचिवालय के बाहर नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं अंदर सीएम सुख सहायक सिंह सुक्खू की सोमनाथ में सचिवालय की बैठक चल रही है। आज प्रदेशभर से हिमाचल प्रदेश और नई नौकरी, पुराने पर्यटन के लटके हुए नतीजे घोषित करने, आउटसोर्स भर्ती बंद करने, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी कंपनी नौकरी पेशा को विरोध कर रहे हैं। प्रियंका गांधी से एक लाख नौकरी का वादा निभाने की मांग कर रहे हैं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हिमाचल में सरकार बनाकर 5 साल में 5 लाख की नौकरी का वादा किया था। सरकार को सत्ता में आने में 20 महीने लग गए। मगर अब तक 1400 पद कमीशन के माध्यम से नौकरी दी जाना मुश्किल है। टायर्ड और सामुदायिक कर्मचारियों की हो रही साझेदारी में कहा गया है कि वर्तमान सरकार के 2 साल के कार्यकाल में 10 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा सरकार टायर्ड और सामुदायिक कर्मचारियों को फिर से नियुक्त किया जा रहा है, जबकि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने आउटसोर्स के माध्यम से भर्तियां बंद करने का वादा किया था। रियासत संघ का आरोप है कि वर्तमान सरकार प्रदेश की जनता को बेरोजगार कर रही है। कैबिनेट से 6500 पद सृजित किए गए हैं लेकिन मुआवज़े के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। एचपीआरसीए द्वारा बनाए गए चयन बोर्ड को भंग कर दिया गया था, लेकिन अब तक उसका स्थान चयन आयोग (एचपीआरसीए) द्वारा नहीं बनाया गया है।

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