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क्या गलती थी इन दो छात्राओं की?

हमीरपुर। सीएम सूखविंदर सिंह सुखू के विधानसभा क्षेत्र नादौन के एक सरकारी स्कूल प्रधानाचार्य व नोडल ऑफिसर की लापरवाही दो छात्राओं पर भारी पड़ी है। जिला की दो छात्राएं सकॉलरशिप से महरूम रह गई हैं। इन छात्राओं को स्कॉलरशिप के रूप में 18-18 हजार रुपए की वार्षिक राशि मिलनी थी है। स्कूल प्रबंधन ने संबंधित छात्राओं के स्कॉलरशिप के फार्म समय पर जमा नहीं करवाए और छात्राओं को स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है। इस बात का खुलासा शिक्षा विभाग के निरीक्षण हुआ है। शिक्षा विभाग ने स्कूल केप्रधानाचार्य व नोडल ऑफिसर को इसकी पेनलटी भी डाली है और दोनों छात्रों के खाते में 36-36 हजार रुपए जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। नादौन उपमंडल के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़ा में जमा दो कक्षा की दो मेरिटोरियस छात्राओं को स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है। स्कूल प्रबंधन दोनों छात्राओं के स्कॉलरशिप फॉर्म समय पर जमा नहीं करवा पाया था। ऐसे में दोनों छात्राओं को मिलने वाली वार्षिक 18-18 हजार रुपए की स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है। छात्राओं को दो वर्ष में 36-36 हजार रुपए स्कॉलरशिप के तौर पर मिलने थे, जिससे छात्राएं वंचित रह गई हैं। उच्च शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर अनिल कौशल ने बड़ा के स्कूल रिकॉर्ड में पाया कि स्कूल की दो मेरिटोरियस छात्राएं स्कॉलरशिप से वंचित रह गई हैं। उन्हें स्कॉलरशिप राशि नहीं मिल पाई है। उन्होंने पाया कि स्कूल प्रधानाचार्य व नोडल ऑफिसर की लापरवाही से दोनों बेटियां स्कॉलरशिप से वंचित रही हैं। ऐसे में उच्च शिक्षा उपनिदेशक अनिल कौशल ने स्कूल प्रधानाचार्य व नोडल ऑफिसर को दोनों बच्चियों के खाते में 36-36 हजार जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। छात्रों के कौन से खाते में कब और कितने पैसे जमा करवाए हैं, इसकी डिटेल भी स्कूल के प्रधानाचार्य को उपनिदेशक कार्यालय में जमा करवाने को कहा गया है।

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