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सीटू जिला कमेटी शिमला का दो दिवसीय कार्यशाला शिमला में आयोजित।

सीटू राम जिला कमेटी के दो प्रयोगशालाओं में आयोजित किया गया, जिसमें सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत, जिला प्रमुख पिरामिड डोगरा, महासचिव अजय दुलता, छात्र राम, रामकांत मिश्रा, हिमी देवी, अमित कुमार, सुनील मेहता शामिल हैं। सौ से बड़े पैमाने पर व्यवसाय ने भाग लिया। संस्था को मजबूत करने के साथ ही हॉस्टल में आंदोलनकारी स्टॉलों की खोज की गई। मोदी सरकार की श्रमिक और आम जनता विरोधी समितियों और चार श्रमिक संहिताओं के खिलाफ सीटू सेंट्रल कमेटी के प्रस्ताव पर 23 सितंबर को प्रदेश गठबंधन ब्लैक डे सत्या का फैसला लिया गया। कॉन्ट्रैक्टर, आउटसॉर्स, कैजुअल, फिक्स्ड टर्म, मल्टी पर्पज और मल्टी टास्क वर्कर्स को नियमित करने की नीति को लेकर 30 सितंबर को सभी और जिला मुख्यालयों पर ब्लॉक किया जाएगा।

सीटू अलाउद्दीन डोगरा व अजय दुलता ने कहा कि कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये घोषित करना, श्रमिक विरोधी चार श्रमिक कोड, नेशनलनेट मो कॉम्प्लेक्स, अग्निवीर, एवॉडवीर, कोलवीयर और अन्य फिक्स्चर स्टेम रोज़गार को रद्द करना, ईपीएफ, ई पी.एस., एच.डी.आई.एल.आई. सुविधा साज़ा बैंकों में भर्ती करने पर, सार्वभौम व्यापक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, असंगठित दस्तावेज़ के लिए, सामुदायिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें नियमित आधार पर न्यूनतम वेतन देने, केंद्रीय व प्रदेश सरकार के बोर्ड व निगम निगम के ओपीएस बहाल करने, न्यूनतम पेंशन 9 हजार लागू करने, गरीब, आशा, मिड डे मील्स को नियमित करने, उन्हें न्यूनतम वेतन देने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने, श्रमिक और निर्माण श्रमिकों के श्रमिक कल्याण बोर्ड से आर्थिक लाभ और पंजीकरण सुविधा बहाल करने, एसटीपी पोर्टफोलियो के लिए यू शेडल एम्प्लॉयमेंट डिक्लेयरेशन, आउटसोर्सर्स एंड हॉस्पिटल भर्ती के लिए नीति बनाना, औद्योगिक इंजीनियरों को 40 प्रतिशत अधिक वेतन देना, टायबज़ारी को उजाड़ने के खिलाफ, काम के डिजायन 8 से 12 एम्प्लॉयमेंट करना के, आईटी, आईटी के खिलाफ फर्मों को मजदूरों से छूट दी गई, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया, स्वामीनाथन कमीशन की ओर से योजना लागू की गई, शहरी क्षेत्र में विस्तार के साथ ही 600 रुपये प्रति दिन की कार्यशाला में 200 दिन का काम किया गया। डे ऑफर करना, लेबर, निर्माण और बीआरओ पोर्टफोलियो में श्रमिक कल्याण बोर्ड में रजिस्टर और आर्थिक लाभ बहाल करना, आउटसोर्स के लिए नीति बनाना, नौकरी से निकाले गए कोविड नामांकन को बहाल करना, भारी स्टॉक पर रोक लगाना, सार्वजनिक कंपनियों के लाभ को बहाल करना निषेध, किसानों की कर्ज़ा मुक्ति आदि धाराओं को लेकर सीटू राज्य समिति की समिति व जनता में रहेगी और हमारे कार्यकर्ता व मोदी सरकार की जनविरोधी पार्टियों के खिलाफ आंदोलन को तेज़ करने की पेशकश की जाएगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की नवउद्देश्यी और समाजवादी पार्टी के कारण बेरोजगारी, गरीबी, बेरोजगारी और रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। बेरोजगारी से गरीबी और भुखमरी बढ़ रही है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ख़राब करने के कारण जनसंख्या महंगाई ने जनता के कमर तोड़ कर रख दी है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं में भारी वृद्धि हो रही है। उनका न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और सभी खातों को पेंशन सुनिश्चित करना; श्रमिक विरोधी चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधनों को निरस्त करने, कॉन्ट्रेक्ट, पार्ट टाइम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेम्परेरी, कैज़ुअल, फिक्स्ड टर्मिनस, स्थिर प्राथमिक और आउटसोर्स सिस्टम पर रोक लगाने में सभी घटकों को नियमित करने, शहर विस्तार में विस्तार 200 दिन के कार्य दिवस पर मनरेगा के साथ 600 रुपये प्रति दिन की आपूर्ति करने के लिए, श्रमिक, निर्माण और बीआरओ विधायकों की कलाकृतियों को जनता में ले जाएंगे और मोदी सरकार के कार्यकर्ता, कर्मचारी, किसान और जनविरोधी समुदायों के कारण जनता से भाजपा और मोदी के खिलाफ वोट की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बोर्ड निगमों के निदेशक मंडल और विनीवेश, नेशनल मोनेट पैकेज और अग्निपथ योजना, एसोसिएशन और डिपुओं में राशन प्रणाली, इंडोनेशिया, मिड डे मील्स, आशा मंडल, बिजली, नगर निगम, अन्य निगमों और निगमों के कर्मचारियों के ओ.पी.एस., बीआरओ के वैयक्तिकरण और नियमितीकरण, स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम, मोटर अधिनियम में श्रमिक और मालिक विरोधी परिवर्तन आदि वादों पर मोदी सरकार के श्रमिक विरोधी समुदायों का नुकसान होगा।

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