शिमला। हिमाचल में मस्जिद विवाद के बीच ही स्ट्रीट वेंडरों के लिए आईडी (ID) लगाने को लेकर मचे घमासान को ध्यान में रखते हुए सुक्खू सरकार ने एक तरह से विक्रमादित्य सिंह की स्टेटमेंट से किनारा कर लिया है। सुक्खू सरकार ने इस मामले में बढ़ते बवाल को देखते हुए खुद सामने ना आकर एक प्रवक्ता के हवाले से बयान जारी कर कहा है कि स्ट्रीट वेंडर नीति के संबंध में समाज के विभिन्न वर्गों से अनेक सुझाव प्राप्त हुए हैं। अभी तक सरकार ने विक्रेताओं द्वारा अपनी दुकानों पर नाम पट्टिका (लया अन्य पहचान अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।सरकार ने पर्दे के पीछे से रहकर कहा है कि सरकार राज्य के स्ट्रीट वेंडरों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार करेगी।इस मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों विधायकों की एक समिति पहले ही गठित की जा चुकी है। समिति की अध्यक्षता संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान कर रहे हैं और इसमें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और विधायक अनिल शर्मा, सतपाल सत्ती, रणधीर शर्मा व हरीश जनार्था शामिल हैं। समिति राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने से पहले विभिन्न हितधारकों के सुझावों की समीक्षा करेगी। एक बार उनकी विस्तृत सिफारिशें प्रस्तुत हो जाने के बाद कैबिनेट इस मामले पर कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले उनका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करेगी।
सूक्खू सरकार का अपने ही मंत्री विक्रमादित्या के बयान से किनारा।
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