शिमला। हिमाचल प्रदेश में कथित तौर पर अवैध मस्जिदों और मजारों के निर्माण पर रोक की मांग को लेकर देवभूमि असेंबली समिति ने साकेत चौक पर प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। समिति ने प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन का प्रस्ताव रखा है। इसे देखते हुए जिला पुलिस सहित इंटेलिजेंस के संभावित परिणाम सामने आए। इस दौरान सुरक्षा के विसंगतिपूर्ण ढांचे को शामिल किया गया। देवभूमि संघर्ष समिति केंद्र सरकार से वक्फ बोर्ड को समाप्त करने और प्रदेश में अवैध रूप से आने वाले लोगों को प्रतिबंधित करने के लिए प्रशासन को भी अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा संजौली सहित प्रदेशभर में प्रदर्शन के दौरान लोगों पर अभिलेखों को वापस लेने की मांग की जाएगी। इस पूर्व समिति ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रदेशभर में 2 पर्यटकों का होने वाले ग्रामसभा में बाहर से आने वाले लोगों के दस्तावेजों की जांच को लेकर प्रस्ताव पास करने की मांग की है। समिति का कहना है कि प्रदेश सरकार संजौली मामले पर टालमटोल कर रही है और मुस्लिम पक्ष को इसका लाइसेंस नहीं दे रही है।गौरव हो संजौली में उग्र प्रदर्शन के बाद जिला पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के प्रदर्शन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। संजौली में प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रीय समर्थकों और पुलिस के बीच मारपीट हुई। इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग की और फिर समर्थकों को किसी तरह से बल प्रयोग किया। इसके बाद शहर की सभी मस्जिदों में पुलिस बल का चिह्न लगा दिया गया। विशेष रूप से संजौली मस्जिद जाने वाले तीन मंदिरों पर अभी भी पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
देवभूमि संघर्ष समिति का प्रदर्शन आज, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम।
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