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प्रदेश मे बजा फर्जी जीएसटी का अलार्म।

शिमला। जीएसटी के फर्जी पंजीकरण का अलार्म हिमाचल में भी बज गया है। केंद्र से प्रदेश को डेढ़ सौ से ज्यादा एजेंसियों की निगरानी के संबंध में निर्देश मिले हैं। जीएसटी में फर्जीबाड़ा कर ये एजेंसियां हिमाचल में पंजीकृत हो चुकी हैं। हालांकि आगामी दिनों में जांच के बाद ही सभी तथ्यों का खुलासा आबकारी और कराधान विभाग करेगा। समूचे देश में अब तक 10 हजार से ज्यादा फर्जी एजेंसियों का खुलासा हो चुका है। देश भर में जीएसटी में धांधली तलाश रहे आबकारी और कराधान विभाग ने बीते करीब डेढ़ माह में 67970 खातों की पहचान कर ली है। इन खातों में से 22 सितंबर तक 59 फीसदी को सत्यापित किया जा चुका है और यह संख्या 39965 है।विभाग ने देश भर में 16 अगस्त से अवैध जीएसटी पंजीकरण की छानबीन को लेकर विशेष अभियान चलाया है। इस अभियान में हिमाचल की भूमिका भी अहम है। हिमाचल में भी बड़े पैमाने पर बाहरी राज्यों का दखल बीते कुछ समय से बढ़ रहा है और अवैध रूप से पंजीकण कर यहां बाहर की एजेंसियां अपना कारोबार कर रही हैं। गौरतलब है कि इससे पहले बीते साल हिमाचल से 10 करोड़ 49 लाख रुपए के फर्जीबाड़े का खुलासा हुआ था। उस समय जांच में फर्जी जीएसटी फर्म बनाकर टैक्स चोरी की बात सामने आई। आबकारी एवं कराधान विभाग ने आठ फर्मों को टैक्स चोरी के आरोप में नामजद किया था। उस समय आबकारी विभाग ने करीब दो महीने तक रिकार्ड खंगालने के बाद इस नेटवर्क का खुलासा किया था। प्रदेश में सबसे पहले मार्च माह में तीन फर्मों का खुलासा हुआ था। इसके बाद इस जांच में आठ नकली फर्र्मं पकड़ी गई।इनमें से शुरूआती तीन फर्मंे गुजरात की थी और आधार कार्ड के आधार पर इनके गुजरात के होने का खुलासा हुआ था। उस समय आबकारी और कराधान विभाग ने 129 संदिग्ध फर्मों को जांच की श्रेणी में रखा था। हिमाचल आबकारी विभाग की सूचना पर समूचे भारत में बीते दो महीने तक यह जांच अभियान चलाया और मई महीने में इन फर्मों का फर्जीबाड़ा सबके सामने आ गया। इस अभियान की मदद से राज्य में जीएसटी की लीकेज को रोकने में बड़ी मदद मिली। फिलहाल, अब एक बार फिर दो माह के लिए अभियान छेड़ा गया है। 16 अगस्त से 15 अक्तूबर तक चलने वाले इस अभियान में देश भर में पंजीकृत फर्मों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।

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