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विक्रमादित्या सिंह का संजय अवस्थी को जवाब मैं अपनी जबाबदेही जानता हू।

स्ट्रीट वेंडर लाइसेंस विवाद के बाद दिल्ली से वापस लौटे राज्य के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सीपीएस संजय स्टूडियो को पलट दिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उनके गुट सिर्फ कांग्रेस हिकमान, सीएम सुख सलाह सिंह सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के प्रतिनिधि हैं। कुछ दिन पहले सीपीएस संजय शेट्टी ने विक्रमादित्य सिंह को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए बयानबाजी करने की सलाह दी थी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे पार्टी हाईकमैन को बताते हैं कि वे पार्टी के सदस्य हैं और पार्टी के सामंजस्य को लेकर ही आगे बढ़ रहे हैं। उनके पिता वीरभद्र सिंह भी ऐसे ही करते थे और वे भी पिता के राह पर ही हैं। हिमाचल में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए पहचान पत्र अनिवार्य रूप से लेने वाले विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने जो दावा किया था, वह गलत तरीके से पेश किया गया था। जो उन्होंने कहा वह संविधान के सिद्धांतों पर आधारित है। विक्रमादित्य ने कांग्रेस नेतृत्व से समन मुलाकात की बात को भी खारिज कर दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा -जो मैंने गलत तरीके से बयान दिया था उसे गलत तरीके से पेश किया गया था और जो किसी अन्य राज्य में साम्प्रदायिक तरीके से लागू किया गया था उसे जोड़ा गया था। जो भी मैंने कहा है वह संविधान के सिद्धांतों में कहा गया है। मेरा दिल्ली जाने का जो प्रोग्राम सबसे पहले सेट किया गया था। ऐसी खबरें चल रही थीं कि मुझे दिल्ली में समन किया गया था, ऐसा नहीं था। विक्रमादित्य ने जोर दिया कि पार्टी लाइन पर यह बात उनके सर्वोपरी के लिए है। पार्टी लाइन हमारे लिए सर्वोपरि लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि पार्टी लाइन हमारे लिए सर्वोपरि है, लेकिन प्रदेश की जनता की आवाज भी हमारी पहली प्राथमिकता है। मैं कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता हूं। कांग्रेस पार्टी के जो मूल सिद्धांत हैं उनसे आगे ले जाने का काम हम करेंगे। डेज़ डेज़ में जो घटना घटी उसे मैंने मीडिया के सामने रखा है। विक्रमादित्य ने कहा कि लोगों के बीच सही जानकारी लेना हमारी अनुकूलता है। हिमाचल प्रदेश में किसी भी प्रांत या राज्य से कोई भी व्यक्ति नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है, वह किसी भी धर्म का हो या किसी भी जाति का हो। हम सभी को खुले मन से स्वीकार करते हैं।

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