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ब्राह्मपुत्रा नदी पर बांध को लेकर चीन ने दी सफाई।

नई दिल्ली। ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है। हालांकि भारत में इसको लेकर आलोचना शुरू हो गई है। वहीं, अब चीन ने बांध बनाने को लेकर अपनी सफाई दी है। चीन ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाले उसके नए बांध से भारत और बांग्लादेश पर कोई भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे बाढ़ की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाले बांध को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया के जवाब में भारत में चीन के राजदूतावास की प्रवक्ता यू चिंग ने चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, “यारलुंग ज़ांग्बो (ब्रह्मपुत्र) नदी के निचले इलाकों में जलविद्युत परियोजना बनाने का निर्णय बहुत गहन वैज्ञानिक मूल्यांकन के बाद किया गया था। इस परियोजना का पारिस्थितिकी, पर्यावरण, भूवैज्ञानिक स्थितियों और नदी के बहाव की दिशा वाले देशों के जल संसाधनों से संबंधित अधिकारों और हितों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। बल्कि यह उनको कुछ हद तक आपदा को रोकने या कम करने तथा जलवायु प्रतिक्रिया में मदद करेगा।”गौरतलब है कि भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बीते शुक्रवार को नियमित ब्रीफिंग के दौरान तिब्बत में बांध बनाने संबंधी रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर कहा था, “हमने चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग ज़ांग्बो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर एक जलविद्युत परियोजना के बारे में 25 दिसंबर 2024 को शिन्हुआ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट देखी है। नदी के पानी पर स्थापित उपयोगकर्ता अधिकारों वाले एक निचले तटवर्ती राज्य के रूप में, हमने लगातार विशेषज्ञ-स्तर के साथ-साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष को उनके क्षेत्र में नदियों पर वृहद परियोजनाओं पर अपने विचार और चिंताएं व्यक्त की हैं।”रणधीर जायसवाल ने कहा था कि नवीनतम रिपोर्ट के बाद, पारदर्शिता और निचले देशों के साथ परामर्श की आवश्यकता के साथ-साथ इन्हें दोहराया गया है। चीनी पक्ष से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि ब्रह्मपुत्र के बहाव की दिशा वाले निचले देशों के हितों को ऊपरी क्षेत्रों में गतिविधियों से नुकसान न पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा था कहा, “हम अपने हितों की रक्षा के लिए निगरानी जारी रखेंगे तथा सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।”