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अब इन महिलाओ को घर बनाने के लिए मिलेंगे तीन लाख रूपए।

शिमला।हिमाचल में अब कामगार बोर्ड के तहत पंजीकृत विधवाओं, एकल, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं को घर बनाने के लिए राज्य सरकार तीन लाख रुपए की मदद करेगी। इसके लिए श्रम एवं रोजगार विभाग ने कामगार बोर्ड के नियमों में बदलाव किया है। हिमाचल प्रदेश बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (रेगुलेशन ऑफ एंप्लॉयमेंट एंड कंडीशन ऑफ सर्विस) रूल्स 2008 में संशोधन कर 303 रूल नए सिरे से जोड़ा गया है। इसके अनुसार कामगार बोर्ड में नियम 266 के तहत पंजीकृत विधवा, एकल, परित्यक्त और दिव्यांग महिला को तीन लाख की मदद चार किस्तों में घर बनाने के लिए दी जाएगी। बशर्ते इसकी सालाना आय अढ़ाई लाख से कम हो। जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में कहा गया है कि 40 साल के अधिक आयु की अविवाहित महिला को भी सिंगल वूमन कैटेगरी में लिया जाएगा। दिव्यांग महिला के लिए 40 फीसदी से ज्यादा की दिव्यांगता जरूरी होगी।एक महत्त्वपूर्ण शर्त यह भी है कि लाभार्थी कामगार बोर्ड में न सिर्फ पंजीकृत हो, बल्कि पिछले 12 महीने में कम से कम 90 दिन काम भी किया हो। वार्षिक आय अढ़ाई लाख से कम हो। घर बनाने के लिए कम से कम दो बिस्वा अपनी जमीन होनी चाहिए। कामगार बोर्ड से 300000 रुपए की मदद चार किस्तों में मिलेगी। इसमें पहले चरण में 100000, दूसरे चरण में भी 100000 और तीसरे और चौथे चरण में 50-50 हजार रुपए कामगार बोर्ड से जारी किए जाएंगे। इस योजना की घोषणा कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की थी। इस योजना के तहत मिले पैसे से दो साल के भीतर घर बनाना होगा। यह घर पहले से जमा करवाए गए अप्रूव्ड मैप के अनुसार होगा।पात्र महिला संबंधित जिला या जोन के लेबर वेलफेयर ऑफिसर के माध्यम से आवेदन कर सकेगी। ये अधिकारी केस बनाकर कामगार बोर्ड के सेके्रटरी तक शिमला भेजेंगे। केस मंजूर करने का अधिकार सीएम के पास रहेगा। आवेदन में विधवा या एकल महिला या दिव्यांग का प्रमाण पत्र, इनकम सर्टिफिकेट, जमाबंदी-ततीमा, पंचायत सेक्रेटरी या अर्बन लोकल बॉडी की एनओसी, लाभार्थी की अंडरटेकिंग, परमानेंट रेजिडेंट सर्टिफिकेट, बैंक पासबुक की कॉपी, आधार कार्ड और फैमिली रजिस्टर की कॉपी लगेगी।