। संसद सत्र शनिवार पहली फरवरी से ही शुरू हो रहा है, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सदस्यों ने केंद्र सरकार का अगला बजट पेश किया। इस बजट से हिमाचल को तीन तरह के विवरण हैं। बजट की प्री-कंसल्टेशन बैठक में भी हिमाचल की ओर से तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने यह बजट उठाया था। हिमाचल सरकार चाहती है कि भानुपुरी बिलासपुर और चंडीगढ़ से बद्दी रेललाइन का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाए। इसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि हिमाचल के पास इतने सारे संसाधन नहीं हैं कि इन रेल बूथों में सॉसेज ली जा सके। गगल हवाईअड्डे का दूसरा प्रमुख छात्रवृत्ति कार्यक्रम का विस्तार है। राज्य सरकार का खर्च यहां भूमि अधिग्रहण पर हो रहा है और अब तक 335 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं, लेकिन इस परियोजना की कुल लागत 3000 करोड़ रुपये के आसपास है। सहायता मिलनी चाहिए। तीसरा मामला पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट का है, जो हिमाचल में हुई बारिश की आपदा के कारण नुकसान की भरपाई के लिए जरूरी है। हिमाचल सरकार ने इसके लिए 9000 करोड़ का दावा किया है, लेकिन भारत सरकार ने अपने पर्यटन में लगभग 3000 करोड़ का योगदान दिया है। हालाँकि फंड जारी करने में कई तरह के स्टॉक लग रहे हैं। वित्त मंत्री ने अपने पिछले बजट में भी राज्य की मदद करने का फार्मूला तय किया था, लेकिन मदद का फॉर्मूला हिमाचल प्रदेश ने तय किया था। हिमाचल को उम्मीद है कि इस बजट में इस मुद्दे को एड्रेस किया जाएगा।
