नई दिल्ली। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों और राज्यसभा के संयुक्त सदनों को तबाह कर दिया। हालाँकि, राष्ट्रपति की अस्वीकृतियाँ समाप्त हो गईं और राजनीतिक बयानबाजी फिर से शुरू हो गई। संसदीय दल कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गांधी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति की तस्वीर को लेकर कुछ ऐसी बात कह दी, जिससे सदन गमसान शुरू हो गया है। बीजेपी ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी को सबसे अच्छा समर्थक बताया है। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति अंत तक बहुत थक गए थे…बेचारी, वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। इस दौरान सोनिया गांधी ने कथित तौर पर ‘पुअर थिंग्स’ शब्दों के प्रयोग की शिकायत की। वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण को बोरिंग बताया। मूर्ति ने कहा कि मैं और भाजपा की सहयोगी कार्यकर्ता सोनिया गांधी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘पुअर थिंग्स’ मुहावरे के प्रयोग की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे शब्दों में कांग्रेस पार्टी की गरीब-विरोधी और जनजाति-विरोधी प्रकृति का इस्तेमाल किया गया है। मैं कांग्रेस पार्टी से राष्ट्रपति और भारत के आदिवासियों से बिना शर्त मित्र की मांग करता हूं। इस पर दी गई प्रतिक्रिया में संसदीय कार्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता किरेन रिजिजू ने कहा कि सोनिया गांधी और अन्य संसदीय नेता ओरेगन के नेताओं की निंदा करते हैं। हमारे राष्ट्रपति, एक आदिवासी महिला हैं, वे आदर्श नहीं हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश और समाज के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और उस तरह के काम की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्हें समाजवादी पार्टी की माफ़ी मांगनी चाहिए। प्रियंका ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी की टिप्पणी लेकर ‘माफिया की मांग करने वाली बीजेपी को पहले ‘देश को गाली’ देनी चाहिए। मेरी मां 70-80 साल की महिला हैं, उन्होंने बस इतना कहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति को इतना लंबा भाषण दिया था कि उन्होंने थका दिया था, खींचरी…वह (भारत के राष्ट्रपति) का पूरा सम्मान करती हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत ही समानता है कि इस तरह की बातें मीडिया द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश की जा रही हैं। वे दोनों प्रतिष्ठित लोग हैं और अमेरिका की उम्र में बड़े हैं…उनका कोई अपमान करने का इरादा नहीं है। जब उनकी पार्टी ने माफ़ी माँगें वे लोग से पूछा तो उन्होंने कहा कि जिस खेत में देश को डुबोया गया है, पहले उसके माफ़ी माँगें वे लोग।
